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विकास खंड की एसएचजी की महिलाओं को रूरल सेल्फ एंप्लॉयमेंट ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट नाहन के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। BDC सगड़ाह के Chairman मेलाराम शर्मा ने बताया कि, हिमाचल प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत पंजीकृत NRLM महिला समूहों की महिलाओं के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है, ताकि इस पिछड़े क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाया जा सके। उन्होंने कहा की, सभी 44 पंचायतों से चयनित महिलाओं की 10 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान Rural Self Employment Trening Institute द्वारा आने-जाने के किराए के अतिरिक्त रात्रि ठहराव और भोजन आदि की व्यवस्था निशुल्क की जाएगी।
उन्हें एनआरएलएम स्वयं सहायता समूहों से आग्रह किया है कि, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए अपने समूह से इच्छुक महिलाओं के नाम 2 दिन के भीतर विकास खंड कार्यालय संगड़ाह भेजें। इस आशय का पत्र सभी SHG के WhatsApp Group पर भी share किया जा चुका है। शिविर में 18 से 45 वर्ष उम्र की 25 से 35 महिलाएं भेजी जाएंगी और उन्हे प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अपने घर पर ही मुरब्बा, चटनी, अचार, जैम, बुरास के स्क्वैश, लहसुन अदरक और आलू के पेस्ट और चिप्स आदि तैयार करने के तौर तरीके सिखाए जाएंगे। इन घरेलू उत्पादों के पैकिंग, लेवलिंग व मार्केटिंग के उपाय भी बताए जाएंगे। उन्होंने बताया कि, महिलाओं को फूड सेफ्टी तकनीकों के साथ-साथ लेखा-जोखा रखने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और साथ में प्रातःकाल व सांयकाल में योगा अभ्यास भी कराया जाएगा।
पंचायत समिति अध्यक्ष मेलाराम शर्मा ने बताया कि, उन्होने गत वर्ष DC सिरमौर के माध्यम से बागवानी अनुसंधान केंद्र धौलाकुआं के विशेषज्ञों से विकास खंड संगड़ाह की सैकड़ों महिलाओं को Rhododendron के जूस, जैम व स्क्वैश बनाने का प्रशिक्षण दिलवाया था। तब से कंई एसएचजी की महिलाएं बुरास के फूलों के स्क्वैश, जूस व जैम बेचकर अच्छी खासी कमाई कर रही है।
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