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May 18, 2024

धारटीघार में सड़क ना होने से दो महीने स्कूल व कॉलेज के बच्चे पढ़ाई से रहते है वंचित।

न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर(पांवटा साहिब)

धारटीघार क्षेत्र के तीन पंचायतों के आधा दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीण आजादी के 70 साल बितने के बाद भी सड़क सुविधा को तरस रहे है। सड़क की मांग को लेकर तीन पंचायतों का एक प्रतिनिधिमंडल लोक निर्माण विभाग पांवटा साहिब के अधिशासी अभियंता से मिलकर सड़क बनाने की गुहार लगाई।


धारटीघार क्षेत्र के कांडो नाड़ी से खाली अछोण के लिये सड़क बनाने की मांग ग्रामीण कई सालों से कर रहे है लेकिन सात दशक बित जाने के बाद भी कांडों नाडी, खाली अछोण सड़क नहीं बन पाई है। सोमवार को तीन पंचायतों का एक प्रतिनिधिमंडल लोक निर्माण विभाग पांवटा साहिब के अधिशासी अभियंता से मिला।

क्या कहते है ग्रामीण।

छछेती पंचायत के ग्रामीण रामेश्वर शर्मा, हरिदत्त भारद्धाज, धर्मेन्द्र अत्री, रामगोपाल, किशन चंद, धनवीर सिंह, सुरेश अत्री, सुरजीत सिंह, कुलदीप गतवाल, सागर सिंह, विनोद अत्री व सुरेंद्र सिंह आदि ने बताया की कांडो नाडी से खाली अछोण के बीच करीब आठ गांव आते है तथा कई सालों से ग्रामीण इस सड़क बनाने की मांग कर रहे है लेकिन आज तक सड़क नहीं बन पाई है। ग्रामीणों ने बताया की बरसात के समय गिरिनदी में पानी आने से पांवटा साहिब से पुरी तरह से कट जाते है। उन्होंने बताया की सतौन से जटोन तक बिच में नदी में कहीं भी पुल नहीं है जिससे ग्रामीणों को बड़ी परेशानी होती है।

सड़क ना होने से दो महीने स्कूल व कॉलेज के बच्चे पढ़ाई से रहते है वंचित।

ग्रामीणों का कहना है की खाली अछोण, गवाणा, भनेत, कुड़ला खरक, क्यारी, डाडुवा आदि गांव के बच्चे पढ़ाई के लिये चांदनी, सड़ियार व सतौन जाते है तथा कॉलेज के बच्चे गिरिनदी पार कर पांवटा साहिब जाते है लेकिन बरसात में गिरीनदी में जलस्तर बड़ने से बच्चे दो महीनों के लिये स्कूल, कॉलेज नहीं जा सकते है जिस कारण पढ़ाई प्रभावित होती है अगर कांडो नाडी से खाली अछोण सड़क बनती है तो सभी ग्रामीणों का इसका लाभ होगा।


बरसात में आधा दर्जन से अधिक लोगों की गिरीनदी में बहने से मौत हो चुकी है।

ग्रामीणों ने बताया की बरसात के मौसम में आठ गांव के ग्रामीणों का अन्य क्षेत्र से आना जाना बंद हो जाता है बिमार व्यक्ति को दस किलोमीटर पैदल चलकर कांडो नाडी पहुंचाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया की पिछले तीन चार सालों में बरसात के समय नदी पार करते से पानी के तेज भाव में बहने से करीब आठ लोगों की मौत हो गई है।

ग्रामीण विभाग को दे चुके है सड़क की गिफ्टडीड।

कांडो नाडी से खाली अछोण सड़क में निजी भूमि की ग्रामीण करीब एक साल पहले गिफ्टडीड विभाग के नाम कर चुके है लेकिन विभाग ने अभी तक भी सड़क की डीपीआर तैयार नहीं की है।

क्या कहते है अधिशासी अभियंता।

उधर लोक निर्माण विभाग पांवटा साहिब के अधिशासी अभियंता अजय शर्मा ने बताया की कांडो नाड़ी से खाली अछोण सड़क में वन विभाग की भूमि आती है जिसका केस तयार कर फाईल वन विभाग को भेजी गई है जैसे ही वन विभाग से अनुमति मिलते ही सड़क की डीपीआर तैयार कर सरकार को भेजी जायेगी।

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