Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

May 18, 2024

राज्यपाल ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में नवोन्मेषी प्रयासों की सराहना की

News portals-सबकी खबर (शिमला ) राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में राज्य में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यान्वयन से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में प्राकृतिक उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी हुई है और किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में कृषि विश्वविद्यालयों के साथ कृषि प्रौद्योगिकी विकास में भागीदारी, इनकी ब्रैंडिंग और पैकिंग विकास तथा छात्रों और प्रशिक्षुओं के लिए फैलोशिप कार्यक्रम जैसे नवोन्मेषी कदम प्रभावी साबित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश रसायन मुक्त कृषि की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम कृषि उत्पाद, पर्यावरण संरक्षण के साथ ही किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर दाम भी सुनिश्चित किए जा सकें।
विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में किसान प्राकृतिक खेती पद्धति अपना रहे हैं और इस तकनीक के माध्यम से अभी तक 19,320 हैक्टेयर भूमि पर लगभग 1.59 लाख किसान एवं बागवान विभिन्न फसलों का उत्पादन कर रहे हैं।
कृषि सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल को प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसान प्रमुख रूप से इस पद्धति की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष-2023 के उपलक्ष्य में राज्यपाल को विभाग द्वारा तैयार टेबल कैलेंडर, व्यंजन विधि पुस्तिकाएं तथा विवरणिकाएं भी भेंट कीं।
इस अवसर पर प्राकृतिक खेती की राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनोज गुप्ता ने योजना पर प्रस्तुति दी और राज्यपाल को इसकी प्रगति और प्रभावों से अवगत करवाया।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, प्राकृतिक खेती के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर, कृषि निदेशक डॉ. राजेश कौशिक, संयुक्त निदेशक रविंदर सिंह जसरोटिया सहित अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

Read Previous

पिकअप में आए चार हमलावरों ने किया एक युवक को लहूलुहान, अस्पताल में तोड़ा दम

Read Next

3 Limestone Mines पर मनाया गया खान पर्यावरण एवं खनिज सुरक्षा सप्ताह

error: Content is protected !!