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May 19, 2024

हिमाचल में सेब बागवानी पर मंडराया संक्रमित सेब का खतरा

News portals-सबकी खबर (शिमला)

हिमाचल में सेब बागवानी पर ईरान से आयात हो रहे संक्रमित सेब के कारण खतरा मंडरा गया है। हिमाचल की प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय कृषि एवं वाणिज्य मंत्रालय का पत्र लिख कर ईरान और तुर्की से सेब का आयात तुरंत बंद करने की मांग उठाई है। भारत में ईरान से आयात हो रही कीवी में खतरनाक कीट मिलने के बाद ईरान से कीवी का आयात बंद करने का फैसला लिया है, लेकिन संक्रमित सेब का आयत अभी जारी हैं| प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्रालयों को पत्र लिख संक्रमित सेब से हिमाचल में सेब बागवानी के प्रभावित होने की आशंका जताई है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया की अगर एक बार यह कीट हमारे बागीचों तक पहुंच गए तो इन्हें नियंत्रित करना कठिन हो जाएगा।कीट से ग्रस्त कीवी और सेब न सिर्फ बागवानी के लिए संकट बन सकते हैं बल्कि विदेशी फलों का इस्तेमाल करने वाले देश के लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।।7 दिसंबर को लगाया गया कीवी के आयात पर प्रतिबंध पिछले साल ईरान से कीवी और सेब पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय पौध संरक्षण संगठन ने इसी महीने 7 दिसंबर से ईरान से कीवी के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

हालांकि सेब पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।आयातित सेब और कीवी ने सेब के बागों में फैलने वाले खतरनाक कीटों के खतरे को बढ़ा दिया है। हिमाचल में अकेले सेब की 6,000 करोड़ की अर्थव्यवस्था है और 1.75 लाख परिवार सेब उत्पादन से जुडे़ हैं। प्रदेश के 12 में से सात जिलों में सेब उगाया जाता है, जिसमें शिमला, कुल्लू और किन्नौर प्रमुख हैं। पिछले कुछ समय से हिमाचल में कीवी की खेती भी जोर पकड़ रही है।फल को छेद कर बरबाद कर देता है कोडिंग मोथ ईरान से आयात हो रहे सेब में पाया गया कीट कोडिंग मोथ फल में छेद कर उसे बरबाद कर देता है। यह फसलों में व्यापक नुकसान पहुंचाता है। इसके कारण फल के छिलके की चमक खत्म हो जाती है और आकार बढ़ना रुक जाता है।

 

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