भारतीय संस्कृति भोग प्रधान नहीं अपितु योग प्रधान है और हमारी योग प्रधान भारतीय संस्कृति की अक्षुण्ण कीर्ति और दिव्यता का आधार “अध्यात्म” है, स्वामी विज्ञानानन्द |

न्यूज़ पोर्टल्स : सबकी खबर “दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान” की ओर से “भारतीय नव वर्ष विक्रमी सम्वत् 2076” के उपलक्ष्य में अपने स्थानीय आश्रम में दो दिवसीय “दिव्य ध्यान शिविर” का आयोजन किया गया। जिसके…