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May 16, 2024

नगर निकायों से लेकर ग्राम पंचायतों तक व्यवस्थित हो कचरा निष्पादन प्रक्रिया-सुमित खिमटा

 News portals-सबकी खबर (नाहन )  जिला की नगर निकायों व ग्राम पंचायतों में प्रत्येक घर से कचरा एकत्र कर इसका निष्पादन बेशक एक कठिन प्रक्रिया और चुनौतिपूर्ण कार्य है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण के लिये कचरा निष्पादन का प्रबंधन सुव्यवस्थित ढंग से होना नितांत जरूरी है। यह बात उपायुक्त सुमित खिमटा ने जिला स्तरीय टास्क फोर्स की पांचवी बैठक तथा        सिरमौर जिला पर्यावरण योजना 2022-23 की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उपायुक्त ने साडा क्षेत्रों, नगर निकायों तथा ग्राम पंचायत स्तर पर विशेषकर ठोस कचरा प्रबंधन की आवश्यकता पर बल देते हुए संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने इस संबंध में लोगों में व्यापक जागरूता उत्पन्न करने के लिये पंचायत स्तर पर शिविरों का आयोजन करने को भी कहा। उन्होंने लोगों से भी पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का कचरा घरों के बाहर कहीं पर न फैंके और इसकी छंटाई करके उपयुक्त निष्पादन के लिये नगर निकायों को सौंपे।
सुमित खिमटा ने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, पानी की गुणवत्ता, मल निकासी प्रबंधन, मल निकास संयत्रों की स्थापना व रखरखाव, हवा की गुणवत्ताा का प्रबंधन तथा ई. वाहनों को प्रोत्साहित करने जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विभागों को प्रतिबद्धता के साथ कार्य करके व्यवहारिक तौर पर प्रगति को दर्शाना होगा।
जिला पर्यावरण योजना पर विभागवार प्रगति की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने शहरी स्थानीय निकायों को आरंभिक स्तर पर ही कचरे की छंटाई को सुनिश्चित बनाने को कहा। हालांकि ग्राम पंचायतों में यह प्रक्रिया अभी लागू नहीं है क्योंकि वहां गीला कचरा पशुचारे के लिये उपयोग में लाया जा रहा है। बैठक में अवगत करवाया गया कि नगर परिषद क्षेत्र में सड़कों की सफाई मैनुअली दिन में दो बार की जा रही है जबकि ग्राम पंचायतों में इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कचरा एकत्रिकरण मशीनरी को बढ़ाने के लिये नगर निकायों को कहा।  बैठक में अवगत करवाया गया कि पांवटा साहिब कचरा प्रबंधन संयंत्र की क्षमता 12 से 14 टन की है जबकि हर रोज लगभग 16 से 18 टन कचरा एकत्र होता है। उपायुक्त ने इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये।
उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग को कालाअंब तथा मोगीनंद क्षेत्रों के लोगों को मल निकासी कनेक्शन लेने के लिये प्रेरित करने को कहा। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि प्रदूषण न फैले इस दृष्टि से यह कनेक्शन लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सिवरेज लाईनें पहले ही बिछा दी गई है और सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना भी की जा चुकी है। इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारियों को भी निर्देश दिये गए हैं कि वह साथ लगती पंचायतों के लोगों को भी कनेक्शन उपलब्ध करवाने में सहयोग करें।
कालाअंब तथा पांवटा में हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिये उपायुक्त ने आवश्यक कदम उठाने को कहा। उन्होंने औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण को नियमित तौर पर निरीक्षण करने, सड़कों पर धूल के लिये पानी का नित्य प्रति छिडकाव करने अथवा धूल को हटाने, वाहनों का प्रदूषण चैक करने, निजी वाहनों का कम उपयोग करने के लिये लोगों को जागरूक बनाने तथा प्रेशर हॉर्न की चालान करने जैसे पहलुओं का सख्त कदम उठाने के लिये संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होनें पांवटा साहिब में इ. रिक्शा व इ. वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिये कहा। उन्होनें कचरा अथवा पराली इत्यादि को खुले में जलाने पर कड़ी नजर रखने के लिये कहा।
बैठक की कार्यवाही का संचालन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पवन शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि पीसीबी की प्रदूषण को लेकर प्रत्येक क्षेत्र में कड़ी नजर है और किसी प्रकार का उल्लंघन करने पर कड़ी कारवाई अमल में लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर धूल की समस्या हो, पानी प्रदूषण की बात हो या फिर वाहनों अथवा कचरे व औद्योगिक संस्थापनाओं में प्रदूषण की शिकायत हो, त्वरित कारवाई करके सभी क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या का समाधान संबंधित विभागों के सहयोग से किया जा रहा है।
पवन शर्मा ने काला अंब स्थित मारकण्डा नदी की पानी की गुणवत्ता पर चर्चा करते हुए अवगत करवाया कि नदियों में पानी के प्रदूषण को पांच श्रेणियों में बांटा गया है। रिपोर्ट के आधार पर मारकण्डा नदी को पांचवी प्राथमिकता में स्तरोन्नत किया गया है।

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