Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

May 18, 2024

सरकारी काम में बाधा डालने व् जान से मार देने धमकी देने वाले को अदालत ने सुनाई दो साल कैद, 10 हजार ठोंका जुर्माना |

News portals-सबकी खबर (नाहन )

मुख्य न्यायक दंडाधिकारी नाहन की अदालत ने रेणुकाजी ददाहू में खनन चौकी के माईनिग गार्ड को सरकारी काम में बाधा पहुचाते हुए हमला कर जान से मार देने धमकी देने के लिए रेणुकाजी के गांव बेडोन के रणदीप सिंह को आईपीसी की धारा  353 के तहत 02वर्ष की साधारण कारावास की सजा के साथ 10 हजार रुपए का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। अदालत मे मुकदमें की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी रूपिंद्र बैंस ने की है।

उन्होंने बताया कि दोषी के खिलाफ  वर्ष 2018 मे ददाहू माइनिग चैक पोस्ट पर तैनात माइनिंग गार्ड लाल सिह ने थाने में षिकायत पत्र दर्ज किया था जिसमें माइनिंग गार्ड को रेणुकाजी के लठियाणा में अवैध माइनिंग की शिकायतें दर्ज करवाई गई थी। जिसके लिए  रात को माइंनिग गार्ड ने क्षेत्र मं दबिश  दी। वहीं रात्रि को अवैध खनन करते हुए जा रहे लाइन स्टोन से भरे ट्रक को चैकिंग के लिए रोका। जिसके चालक से माइनिंग गार्ड ने डब्लूय फार्म दिखाने के लिए कहा मगर वह फार्म को पेश न कर सका।

वहीं माइनिंग गार्ड द्वारा चालान किए जाने की सुरत में वाहन मालिक रणदीप सिंह ने माइनिंग गार्ड लाल सिह को धक्का दे दिया तथा जान से मारने की धमकी देने के साथ नौकरी से निकलवाने की धमकी दी। जिसके बाद मामला अदालत में सात साक्ष्यों के आधार पर सिद्व हुआ। इस दौरान सहायक जिला न्यायवादी ने अदालत से दोषी को उसके अपराध के लिए अधिकतम सजा करने की भी अपील की। जिसमें बचाव पक्ष ने प्रोवेशन ऑफ  ऑफेडर एक्ट की धारा तीन का लाभ दिए जाने की वकालत की।

जिसे मुख्य न्यायिक दंडधिकारी नाहन की अदालत ने इसे जधंय अपराध मानते हुए खारिज कर दिया। कर्मचारियों पर बढ़ रहे हमले मुख्य न्यायिक दंड अधिकारी नाहन ने खनन माफियाओं द्वारा सरकारी कर्मचारियों पर दिनोंदिन बढ़ रहे हमलों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के सियारन बनाम मध्यप्रदेष सरकार 1994 के फैसले का हवाला देते हुए दोषियों को ऐसे मामलों मे प्रोवेशन एंव ऑफेडर एक्ट का लाभ देने  से इनकार कर दिया है। वहीं ऐसे मामलों मे दोषी पर सरकारी कर्मचारियों पर हमले के लिए अधिकतम सजा का दो वर्ष का कारावास बरकारार रखी है। जबकि जुर्माना अदा न करने की सुरत मे सजा तीन माह अतिरिक्त भूगतनी होगी।

Read Previous

इंडोनेशिया से लौटा दंपती क्वारंटाइन अवधि पूरी किए बिना ही फरार , मामला दर्ज ।

Read Next

30 फुट गहरी खाई में गिर कार ,युवक की मौत |

error: Content is protected !!