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May 18, 2024

South Indian शैली की है कायणू में मिली प्रतिमाएं ।

News portals-सबकी खबर(सँगड़ाह)

सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह के गांव कायणू में खुदाई के दौरान मिले सदियों पुराने Stone Idols को अब तक हुए शोध के मुताबिक South Indian शैली का बताया जा रहा है। उक्त पाशाण प्रतिमाओं का निरिक्षण कर चुके जिला District Language Officer अनिल हारटा तथा Archeological Supervisor चंदन शर्मा द्वारा इस बारे भेजी गई रिपोर्ट पर Archeological विभाग द्वारा किया जाने वाला शोध कार्य जानकारी के अनुसार अभी पूरा नहीं हुआ है।

अब तक हुई Resurch के मुताबिक यह भी सम्भावना जताई जा रही है उक्त प्रतिभाएं अथवा इनके लिए इस्तेमाल हुए Special Stone सम्भवतः बाहर अथवा दक्षिण भारत से लाए गए। संबंधित अधिकारियों की व्यस्तता अथवा Staff का अभाव उक्त प्रतिमाओं की उम्र पता करने के लिए Radiocarbon Dating न होने अथवा इनको लेकर खोज पूरी न होने के मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। Temple campus में खुदाई के दौरान मिली उक्त मूर्तियों को लेकर Midea द्वारा समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद पुरातत्व विभाग द्वारा इस मामले में शोध कार्य शुरू किया गया।

जिला भाषा अधिकारी सिरमौर तथा त्रिलोकपुर संग्राहालय के पुरातत्व पर्यवेक्षक द्वारा बाईला मंदिर का दौरा कर प्रतिमाओं व बांवड़ियों से संबंधित जानकारी एकत्र की गई थी। मंदिर प्रांगण निर्माण के लिए की गई खुदाई के दौरान यहां 11 नई मूर्तियां तथा पांच बांवड़िया मिली थी। उक्त प्रतिमाएं किस काल की है अथवा कितनी पुरानी है, इसको लेकर Archeologists द्वारा विस्तृत शोध किया जाना शेष है। मंदिर में मिली मुख्य प्रतिमा प्रारंभिक शोध के मुताबिक भगवान विष्णु की बताई जा रही है।

हिमालय यात्रा के दौरान कायणू में सो गए थे बाईला

प्रचलित लोककथा के मुताबिक देवी देवताओं की हिमालय अथवा चूड़धार की यात्रा के दौरान बाईला देव कायणू के जंगल में सो गए थे। छह माह बाद देवताओं के लौटने पर उनकी नींद खुली तथा तब से यहां मंदिर अथवा देवता विराजमान समझे जाते हैं। Temple के बाहर मौजूद देवकुंड में देवता तथा पुजारी के अलावा कोई भी आम आदमी स्नान नहीं कर सकता, हालांकि पानी पीने के लिए ले जाने पर रोक नहीं है।

देवता के पुजारी रामानंद व स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार करीब आठ दशक पूर्व साथ लगते गांव टुहेरी के एक ग्रामीण की पांच भैंसें इस कुंड में नहाने के दौरान मर गई। देवता में आस्था रखने वाले गांव कायणू, लुधियाना, कशलोग, टुहेरी, तिरमलगा व भावन आदि के ग्रामीण 3 Kilometer के कठिन पैदल रास्ते से गुजर कर यहां विशेष अवसरों पर यहां पूजा करते हैं।


Archaeological Department जल्द करेगा प्रतिमाओं का registration

जिला भाषा अधिकारी सिरमौर अनिल हारटा के अनुसार मंदिर में मिली प्रतिमाओं की Pictures व जानकारी गत वर्ष पुरातत्व शाखा शिमला को भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि, देवता की मुख्य प्रतिमा प्रारंभिक शोध के मुताबिक भगवान विष्णु की है तथा जल्द इन Idols की age अथवा काल की जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि, जल्द सिरमौरी ताल में होने वाली खुदाई के लिए Archaeology department के आला अधिकारी सिरमौर दौरे पर आने वाले हैं तथा उसी दौरान वह कायणू की प्रतिमाओं पर भी शोध करेंगे। गौरतलब है कि, सड़क से करीब 3 किलोमीटर दूर इस गांव के कठिन पहाड़ी रास्ते के चलते अब तक किसी भी Government अथवा गैर सरकारी संस्थान द्वारा यहां मिली प्राचीन प्रतिमाओं को लेकर विस्त्रित शोध नहीं किया गया। बहरहाल कायणू मंदिर में मौजूद सदियों पुरानी पत्थर की प्रतिमाओं को लेकर जल्द विस्तृत व scientific जानकारी मिल सकेगी।

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