Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

May 10, 2024

सिरमौर : तीर्थ रेणुकाजी मे महाअष्टमी पर आग लगने से खंडित हुई माता की मूर्ति ,प्रतिमा खंडित होना अशुभ संकेत मान रहे हैं अधिकतर श्रद्धालु ।

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह) जिला सिरमौर में सतयुगी तीर्थ कहलाने वाले फैमस आस्था का मंदिर श्री रेणुकाजी जी के परिक्रमा मार्ग मे सहस्त्रधारा अथवा दूधिया पाणी नामक स्थान पर स्थित माता की प्रतिमा आज आग लगने से खंडित हो गई। यहां से गुजर रहे स्थानीय श्रद्धालु इंद्र प्रकाश गोयल ने बताया कि, परिक्रमा के दौरान वह यहां प्रसाद रूपी जल गृहण करने के लिए रुके तो माता की मूर्ति के पास से धुआं निकल रहा था और श्रंगार व चुनरी जल चुकी थी। गीले कपड़े से उन्होंने आग को ज्यादा फैलने से रोका। घटना के घंटों बाद भी लाखों लोगों की आस्था से जुड़े इस स्थान की सुध लेने Renukaji Development Board अथवा Sirmaur District Administration का कोई कर्मचारी न पंहुचने पर लोगों ने नाराजगी भी जताई। गौरतलब है कि, प्रशासन केवल International मेले के दौरान इस जगह को सजाने संवारने का काम करता है, जिसका कारण हजारों ₹ चढ़ावा उस दौरान मिलना समझा जाता है। Navratri उत्सव के Mahaashtami के पावन अवसर पर अधिकतर लोग अथवा श्रद्धालु प्रतिमा खंडित होना अशुभ संकेत मान रहे हैं। गत माह तक DC सिरमौर की अध्यक्षता वाले रेणुकाजी विकास बोर्ड के सीईओ रहे दीपराम शर्मा ने कहा कि, प्रदेश की नई Government बोर्ड भंग कर चुकी हैं और मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्यभार तहसीलदार ददाहू देख रहे हैं। तहसीलदार राजेंद्र ठाकुर के मोबाइल पर बात नहीं हो पाई। बहरहाल मां रेणुकाजी व भगवान परशुराम में श्रद्धा रखने वाले लाखों लोगों की आस्था से जुड़े इस मामले में रेणुकाजी विकास बोर्ड अथवा जिला प्रशासन की अधिकारिक प्रतिक्रिया आना शेष है। बोर्ड से जुड़े लोग यह जरूर कह रहे हैं कि, बिना प्राण प्रतिष्ठा के यह मूर्ति लगाई गई थी।

Read Previous

UPI से पेमेंट पर आम आदमी को नहीं देना होगा इंटरचेंज चार्ज ,एनपीसीआई ने किया साफ, यह पूरी तरह मर्चेंट और बैंक से जुड़ा मामला

Read Next

congratulations : ग्राम पंचायत भवाई के सैल गांव के पंकज अदमाईक बने भौतिक विज्ञान के सहायक प्रोफेसर।

error: Content is protected !!