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May 18, 2024

पुलिस कर्मचारियों को बॉडी वॉर्न कैमरे दिए जाएंगे,लोगों के बयान अब कैमरे के सामने ही दर्ज होंगे-डीजीपी

News portals-सबकी खबर (शिमला )

हिमाचल में कांस्टेबल या अन्य पुलिस अफसर किसी मामले को सुलझाने या बयान दर्ज करने के लिए मौके पर अब कैमरे के साथ जाएगा। लोगों के बयान अब कैमरे के सामने ही दर्ज होंगे। इसके लिए पुलिस कर्मचारियों को बॉडी वॉर्न कैमरे दिए जाएंगे। अभी इन कैमरों का इस्तेमाल सिर्फ ट्रैफिक पुलिस कर रही है। यह बात उन्पहोंने त्रकारों से बातचीत में डीजीपी सीताराम मरडी ने बताया कि इससे पुलिस और लोगों के आचरण का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। इसमें जो भी बदतमीजी करते हुए पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाएगी। इस दौरान मरडी ने वर्ष 2020 के लिए पुलिस की प्राथमिकताएं भी गिनाईं। इसमें सड़क दुर्घटनाओं को कम करना, एनडीपीएस एक्ट को प्रभावी रूप से लागू करना, समाज में बढ़ रहे साइबर अपराध के बारे में लोगों को जागरूक करना और साइबर अपराध के अन्वेषण के लिए क्षमता बढ़ाना आदि शामिल है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में 100 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों में से बची हुई 30 चौकियों को रिपोर्टिंग पुलिस चौकी का दर्जा दिया जाएगा। सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए ट्रिपल-ई मैकेनिज्म एजुकेशन, इंजीनियरिंग और इंफोर्समेंट के तहत काम किया जाएगा। नशा निवारण अभियान को अब वार्ड स्तर पर शुरू किया जाएगा। राज्य पुलिस विभाग के ड्रग फ्री हिमाचल ऐप से वर्ष 2020 में 1 लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक इस ऐप से 10 हजार लोग जुड़ चुके हैं।

प्रदेश में बढ़े दुष्कर्म के मामले
डीजीपी ने कहा कि वर्ष 2019 के तहत प्रदेश में 19924 एफआईआर दर्ज की गई हैं। प्रदेश में बीते वर्ष मर्डर के 69 केस दर्ज हुए। बीते 30 सालों के तहत 2019 में हत्या के सबसे कम मामले सामने आए। इसी तरह वर्ष 2019 में दुष्कर्म के 358 केस दर्ज हुए, जो वर्ष 2018 की तुलना में 13 अधिक हैं। हत्या के प्रयास के 54 केस दर्ज हुए। अपहरण के प्रयास के 457 केस दर्ज हुए जबकि 2018 में यह आंकड़ा 476 था।

महिलाओं से छेड़छाड़ के 498 केस दर्ज
महिला छेड़छाड़ के वर्ष 2019 में 498 केस दर्ज हुए जबकि वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 515 था। गुड़िया हेल्पलाइन में विभाग को 3225 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 3168 का निष्पादन किया गया।

सड़क हादसों में 1109 लोगों की मौत
प्रदेश में बीते वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के 2897 केस दर्ज हुए। इनमें 1109 लोगों की मौत हुई जबकि 4842 घायल हुए। वर्ष 2018 सड़क हादसों की संख्या 3118 थी।

एनडीपीएस के 1439 केस दर्ज
राज्य में वर्ष 2019 में मादक पदार्थ अधिनियम यानी एनडीपीए के तहत 1439 केस दर्ज हुए। यह मामले 1925 आरोपियों के खिलाफ हुए हैं। इसमें 12 विदेशी भी शामिल हैं। वर्ष 2018 में 1342 केस दर्ज हुए थे। यह मामले 1722 आरोपियों और 10 विदेशियों के खिलाफ दर्ज हुए थे।

8 किलोग्राम से अधिक चिट्टा बरामद
हिमाचल में चिट्टा पांव पसारता जा रहा है। वर्ष 2019 में साढ़े 8 किलोग्राम से अधिक चिट्टा बरामद किया गया। इसी तरह 327.2 किलोग्राम चरस, 17.05 किलोग्राम अफीम, 1306.7 किलोग्राम चूरापोस्त, 21.3 किलोग्राम गांजा, 19964 नशीली गोलियां, 102717 नशीले कैप्सूल, 9848 नशीले पेय और 12 इंजेक्शन पकड़े गए हैं। डीजीपी ने कहा कि एक समय था, जब प्रदेश की जेलों की क्षमता 1900 के आसपास थी जबकि आज 1900 से अधिक आरोपी केवल एनडीपीएस एक्ट में ही पकड़े गए हैं।

एक वर्ष में 30.42 करोड़ का जुर्माना वसूला
वर्ष 2019 में एमवी एक्ट के तहत 10,95,549 चालान किए गए और 30.42 करोड़ का जुर्माना वसूला गया। वर्ष 2018 में 8,33,166 चालान हुए थे और 23 करोड़ का जुर्माना वसूला गया था।

खनन माफिया पर कसा शिंकजा
वर्ष 2019 में पुलिस विभाग ने खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 6999 वाहनों के चालान किए और 3,35,74, 400रु पये का जुर्माना वसूला।

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