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May 7, 2024

90 दिनों के अंदर योजना बनाने के आदेश, सशस्त्र बलों में शामिल करो एसएसबी गुरिल्ला

News portals-सबकी खबर (मंडी)

उच्च न्यायलय ने गुरिल्ला संगठन के विशेष प्रशिक्षण को देखते हुए प्रदेश उच्च न्यायलय ने गुरिल्ला संगठन की याचिका पर फैसला सुनाते हुए केंद्र तथा राज्य सरकार को उन्हें एसएसबी, सशस्त्र बलों और पैरा मिलिट्री फोर्सेस में शामिल करने की स्कीम बनाने पर अंतिम निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। उन्हें समयबद्ध तरीके से 90 दिनों के भीतर इन बलों में शामिल करने हेतु स्कीम तैयार करने को कहा है।  उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले से प्रदेश के हजारों प्रशिक्षित बेरोजगार गुरिल्लाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।

उच्च न्यायलय ने अपने फैसले में कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने 25 सितंबर, 2008 के फैसले में निर्देशात्मक आदेश जारी किए थे। ऐसे में उच्च न्यायलय ने केंद्र और प्रदेश सरकार को निर्देश जारी किए हैं कि वह बेरोजगार गुरिल्ला संगठन को उनके द्वारा समय-समय पर प्राप्त किए गए प्रशिक्षण के आधार पर एसएसबीए सशस्त्र बलों और पैरा मिलिट्री फोर्सेस में शामिल करने के मुद्दे पर अंतिम निर्णय ले सकती है। इधर, संगठन के प्रदेशाध्यक्ष एमआर भारद्वाज ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने 90 दिनों के भीतर न्यायलय के आदेश की मानना नहीं की तो संगठन अपना संघर्ष जारी रखेगा। उन्होंने बताया कि साल 1962 में एसएसबी का गठन किया गया था, जिसे सीमावर्ती राज्यों के नौजवानों को गुरिल्ला प्रशिक्षण का जिम्मा सौंपा गया था। महिला और पुरूष गुरिल्लाओं को 42.45 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता था। जिसमें राईफ ल चलाना, गुरिल्ला युद्ध, जंगल ट्रेनिंग, एंबुश लगाना, फुट पेट्रोलिंग, रैकी करना, हथियारों को खोलना जोडऩा, फायङ्क्षरग डैमोलेशन, लीडरशीप ट्रेनिंग, मैप रीडिंग व शारिरिक प्रशिक्षण आदि अनेकों प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाते थे, लेकिन साल 2000 में यह प्रशिक्षण बंद हो गए थे।

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