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April 29, 2024

महाविद्यालय के समीप साढ़े 8 बीधा में बन रहा है किंकरी देवी पार्क

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)

मरते दम तक प्रभावशाली खनन माफिया की छाती पर मूंग दलने वाली राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी का नाम पर्यावरण संरक्षण के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। प्रभावशाली खनन माफिया के जबड़ों से सिरमौर के जंगल व पहाड़ों को बचाने वाली साहस की प्रतिमूर्ति कहलाने वाली इस अनपढ़ महिला की हिम्मत के चर्चे आज भी देश विदेश में विभिन्न पर्यावरण संगठनों की बैठकों में होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर किंकरी देवी पार्क में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के दौरान मौजूद सभी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं व अधिकारियों द्वारा यह उद्गार व्यक्त किए गए। तीन दशक तक सिरमौर में अवैध खनन के खिलाफ जंग लड़ने व जीतने वाली किंकरी देवी की स्मृति में उनके गृह नगर संगड़ाह में निर्माणाधीन पार्क में सोमवार को पहली बार उन्हें याद किया गया। पासपोर्ट के मुताबिक 4 जुलाई 1940 को क्षेत्र के गांव घाटों में एक महादलित परिवार जन्मी किंकरी देवी का विवाह अल्पायु में ही संगड़ाह निवासी श्यामू से हुआ तथा 1970 से 1980 तक वह महिला मंडल प्रधान पंचायत की वार्ड सदस्य रहीं।

वर्ष 1985 से 1990 तक सिरमौर जिला में चल रही अवैध व अवैज्ञानिक चूना पत्थर खदानों के खिलाफ उन्होंने महिलाओं के सहयोग से विरोध प्रदर्शन अथवा आंदोलन किए, मगर प्रभावशाली खनन व्यवसायियों से मधुर संबंध रखने वाले अधिकारियों तथा नेताओं द्वारा उनकी बात नहीं सुनी गई। इस दौरान उन्हें बार बार जान से मारने की धमकी मिलने के बावजूद महज पांच फुट की इस महिला ने हिम्मत नहीं हारी और प्रदेश उच्च न्यायालय में अवैध खनन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की। केस लंबा चलने तथा अदालत व शिमला आने जाने का खर्च पूरा होने पर उन्होंने अपनी बैल की जोड़ी तथा दिवंगत पति की आखिरी निशानी मंगलसूत्र तक को बेच डाला था। इस दौरान वह 19 दिन तक वह अदालत परिसर में अनशन पर भी बैठी रही। 21 दिसंबर 1991 को उच्च न्यायालय द्वारा सिरमौर जिला में चल रही 74 अवैध व वैज्ञानिक चुना खदानों को बंद करने के आदेश दिए गए और तब से आज तक अदालत की हाई पावर कमेटी द्वारा हर साल प्रदेश भर की खदानों का निरीक्षण किया जाता है।

1998 में चीन के बीजिंग में 5वें विश्व महिला सम्मेलन का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करने वाली इस पर्यावरण प्रेमी को वर्ष 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा स्त्री शक्ति – रानी झांसी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था। 10 से 27 अक्टूबर 2002 तक संगड़ाह में कॉलेज की मांग को लेकर उनके नेतृत्व में क्रमिक अनशन हुआ था तथा 2006 में यहां राजकीय महाविद्यालय खोला गया। 30 दिसंबर 2007 को किडनी के इलाज के अभाव में पंचतत्व में विलीन हुई इस पर्यावरण प्रेमी की स्मृति में बरसों से लंबित पार्क का निर्माण कार्य 19 दिसंबर 2019 को उपायुक्त सिरमौर आरके परूथी के हस्तक्षेप के बाद शुरू हो सका। कोरोना काल तथा अन्य कारणों के चलते हालांकि इस पार्क का निर्माण कार्य जिलाधीश द्वारा निर्धारित 3 माह की अवधि में पूरा नहीं हो सका, मगर इन दिनों उक्त कार्य अंतिम चरण में है। किंकरी देवी के पौत्र एवं पार्क समिति के सचिव विजेंद्र कुमार की देखरेख में जारी इस निर्माण कार्य का गत 27 फरवरी को डीसी सिरमौर तीसरी बार जायजा ले चुके हैं। महिला दिवस पर किंकरी देवी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में एसडीएम संगड़ाह डॉ विक्रम नेगी व तहसीलदार आत्माराम के अलावा पंचायत समिति के अध्यक्ष संगड़ाह मेलाराम शर्मा, पूर्व विधायक रुप सिंह, भाजपा नेता प्रताप तोमर व विजेंद्र शर्मा तथा पार्क समिति के अध्यक्ष विजय आजाद सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे। गौरतलब है कि, गत अक्टूबर माह में कौन बनेगा करोड़पति में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा किंकरी देवी से संबंधित 50 लाख का सवाल पूछा गया था, जिसका सही जवाब महिला संगठन से जुड़ी फूलबासन देवी व रेणुका शहाणे ने दिया था।

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