Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

May 8, 2024

इतिहासिक गांव टिटियाना में होगा, शाठी एवं पाशी भाइयों का ऐतिहासिक मिलन

News portals-सबकी खबर (कफोटा ) सिरमौर के इतिहासिक गांव टिटियाना में होगा शाठी एवं पाशी भाइयों का ऐतिहासिक मिलन। शाठी यानी कौरव पाशी यानी पांडव का ऐसा मिलन लगभग 120 वर्ष बाद होने जा रहा है । ऐतिहासिक महापर्व कुल देवता महासू महाराज की छत्रछाया में चौतरा प्रांगण में 1 व 2 जुलाई 2023 को आयोजित होने जा रहा है ।बता दे कि टिटियाना गांव में चौतरे की स्थापना सिरमौर के राजा गिरिपार क्षेत्र में सामाजिक राजनीतिक धार्मिक तथा न्याय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए की गई थी । इस परंपराओं को संजोए रखने के लिए इस बार 400 गांव से लगभग 30 से 40,000 लोगों के एकत्रित होने की संभावना है । इस दिव्य एवं भव्य शांत महायज्ञ पर्व को विशाल रुप से मनाया जाएगा । महामिलन कार्यक्रम में गिरी नदी से लेकर टौस तक समस्त गांव को आमंत्रित किया जा रहा है। उत्तराखंड कालसी, तयुनी, हनोल ,चिलाड, डगली तथा शिमला जिला के नैरवा, चौपाल, जुब्बल, रोहडू ,राजगढ़ ,नौहराधार ,संगड़ाह, सैनधार, धारटिधार, नाहन ,पांवटा साहिब सहित हरियाणा आदि जगह से भी लोगों को आमंत्रित किया गया है। हिमालय के उत्तराखंड के क्षेत्र में शांत महायज्ञ पर्व का बहुत महत्व बताया जा रहा है । हिमालय के पहाड़ों को काली माता का निवास स्थान माना जाता है जिसको काली का दूसरा स्वरूप ठारी माता है। जिसको पूरे हिमालय क्षेत्र में पूजा जाता है । माता को खुश एवं शांत करने के लिए ही इस तरह के महापर्व का आयोजन किया जाता है । टिटियाना में आयोजित होने वाली शांत का विशेष महत्व यह है कि यहां दोनों भाई शाठी और पाशी एक जगह एकत्रित होंगे ।
इसलिए इस महापर्व का ऐतिहासिक महत्व बढ़ जाता है। टिटियाना गांव के ब्राह्मणों ने इस महायज्ञ को पूर्ण करने की तैयारियां शुरू कर दी है । इस महापर्व को सफल बनाने के लिए प्रदेश सरकार तथा प्रशासन एवं सभी लोगों से भी सहयोग मांगा गया है ।

Read Previous

पौंग झील में नहाने उतरे दोनों चचेरे भाई डूबे

Read Next

मुख्यमंत्री ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की 20 नई ई-बसों को हरी झंडी दिखाई

error: Content is protected !!