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May 18, 2024

ऐतिहासिक निर्णय- कभी एशिया के सबसे अमीर गांव रहे कमरऊ में पंचायत चुनावों में मांस- मदिरा परोसना पूर्णतया बंद।

News portals-सबकी खबर(कफोटा)

शिलाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कमरऊ के तीनों गांव मुनाना, शालना व चौकी के सभी लोगो द्वारा आगामी पंचायत चुनावों में ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। कभी एशिया के सबसे अमीर गांव में शुमार कर चुके गांव से इस तरह की पहल, पूरे क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा उदाहरण व सबक भी हैं। ग्राम पंचायत के चुनाव मे शराब ,मीट पूरी तरह बंद रहने का निर्णय लिया गया है ।

जानकारी के अनुसार शुक्रवार को कमरऊ मे माँ ठारी के प्रांगण में तीनों गांव के लोगों द्वारा एक सामूहिक बैठक का आयोजन किया गया इस बैठक में तीनों गांव के मौजूदा लोगों सहित नौजवानों ने भाग लिया । यह बैठक आगामी पंचायती चुनाव में होने वाले फिजूल खर्चे शराब ,मीट को लेकर की गई जिसमें ग्राम कमरऊ में जब से पंचायत का गठन हुआ है

तब से आज तक पंचायत चुनाव में वोट को खरीदने के लिए पैसा शराब व मीट बांटने के तरीके की एक प्रथा चली आ रही है जिसका की कमरऊ के तीनों गांव मुनाना, शालना व चौकी के सभी लोगो द्वारा पुरानी प्रथा को बंद करने का निर्णय लिया गया है ।आगामी पंचायती चुनाव में विरोध किया जाएगा । उन्होंने बताया कि इस विरोध को युवाओ ने इस बार जनता के जेहन में उतारने में कामयाब होना हैं ।

आपको बता दे कि पंचायत लोकतंत्र की एक प्रथम इकाई है ,जो भ्रष्टाचार की जंजीरों से कैद है । पंचायत में जो बजट सरकार गांव की गलियों सड़कों नालियों व अन्य विकासात्मक कार्यो के लिए देती है। यह बजट पंचायत प्रधान व उसके खास रसूखदार व तानाशाह लोग ही अपनी मनमर्जी से खर्चे कर अपनी जेब भरते हैं । इसके लिए हमारे देश के भ्रष्ट सत्ताधारी के साथ-साथ सरकार के भ्रष्ट अधिकारी भी देश को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ।

वही इस छोटे पंचायत चुनाव में प्रतिनिधि पानी की तरह पैसा बहा कर लोगों से वोट बतटोरते है । चुनाव में जो लोग पैसा शराब और मीट बांटते हैं उनके साथ भ्रष्टाचार के लिए वह लोग भी उतने ही जिम्मेदार होते है जो लोग पैसा शराब और मीट खाते हैं ।चुनाव में प्रतिनिधि का खर्चा करवा के पैसे शराब और मीट के बदले अपना कीमती वोट देते हैं । उसे चुनाव के बाद विकास के कार्य पर सवाल व मांग करने का कोई अधिकार नहीं बनता । क्योंकि जाहिर सी बात है कि जब एक प्रतिनिधि चुनाव जीतने के लिए लाखों रुपए खर्च था है तो उसका पूरा ध्यान बिकास की बजे अपनी खाली जेब को भरने में रहता है। दूसरा जो आदमी चुनाव में पैसा लगाता लगाकर लोकतंत्र को खोखला करता है,वही गांव के लोगो ने बताया कि 2020 में होने वाले ग्राम पंचायत के चुनाव में उतना पैसा लगाएं जितना आप को दान देने या पैसा बर्बाद करने की श्रद्धा और क्षमता ।


इस मौके पर मीत सिंह ठाकुर, खत्री राम, जगत सिंह, प्रताप सिंह, खजान सिंह, मुंशी राम, प्रताप सिंह मंगी राम रमेश कुमार कर्म सिंह आदि सैकड़ो लोगो ने भाग लिया ।

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