Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

May 19, 2024

एकीकृत एवं समग्र गतिविधियों को बढ़ावा देगी ‘हिम उन्नति’ योजना: चंद्र कुमार

News portals-सबकी खबर (शिमला ) कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने आज यहां कृषि एवं संबद्ध विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश अनुकूल जलवायु, समृद्ध मृदा और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। राज्य में विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त परिवेश विद्यमान है। प्रदेश सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए महत्वाकांक्षी योजना ‘हिम उन्नति’ शुरू की है। योजना के अन्तर्गत प्रदेश में एकीकृत एवं समग्र कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत प्रदेशभर में 2603 कलस्टर बनाए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेशभर में 889 कलस्टर चिन्हित किए गए हैं। प्रथम चरण में इस वर्ष 286 कलस्टर में कार्य शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कृषि एवं अन्य संबद्ध क्षेत्रों से जुड़े लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से एकीकृत कार्य योजना बनाकर कार्य करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कृषि में प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित करने पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को ‘चलो गांव की ओर’ नीति को अपनाने तथा फील्ड में जाकर किसानों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के लिए कहा।
कृषि मंत्री ने पोषक अनाज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न घटकों को शामिल करते हुए विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। इसके अन्तर्गत परम्परागत कृषि विकास योजना, आतमा, भारतीय प्राकृतिक किसान पद्धति व राष्ट्रीय सत्त खेती मिशन के तहत संगठित किसान समूहों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। राज्य में पोषक अनाज उगाने के लिए तकनीक का उपयोग कर लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा उनके उत्पादों को बेहतर बाज़ार उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जलवायु अनुकूल पोषक अनाजों की ज़िलेवार पहचान कर इनका स्थानीय तथा वैज्ञानिक डाटाबेस भी तैयार किया जाएगा।
चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पद्धति अपना रहे हैं। हिमाचल इस खेती में अन्य राज्यों के समक्ष आदर्श के रूप में उभरा है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 02 लाख किसानों के लिए 6693 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाए जा चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश के 165221 किसान सफलतापूर्वक प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और प्रदेश की 3611 पंचायतों में इस पद्धति के माध्यम से खेती की जा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि करने में संबद्ध क्षेत्र विशेष भूमिका निभाते हैं। प्रदेश सरकार पशुपालकों के पशुधन की देखरेख के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है। इस दिशा में शीघ्र ही मोबाइल वेटेनरी यूनिट लॉन्च की जाएगी। इसके सुचारू क्रियान्वयन के लिए कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है। पशुपालकों को एक फोन कॉल के माध्यम से उनके घरद्वार के निकट दवाई एवं लैब जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कृषि आधारित प्रचार-प्रसार सामग्री का विमोचन भी किया।
बैठक में विभिन्न कृषि गतिविधियों तथा हिमगंगा योजना पर प्रस्तुति भी दी गई।कृषि सचिव राकेश कंवर, निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक, निदेशक पशुपालन डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, हिमफैड के प्रबंध निदेशक भूपेन्द्र अत्री और विभिन्न जिलों से आए विभागीय अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

Read Previous

मुख्यमंत्री ने सूखे पेड़ों को चिन्हित करने व कटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के निर्देश दिए

Read Next

द स्कॉलर्स होम विद्यालय में हुआ स्टूडेंट बॉडी काउंसिल (SBC) का शपथ ग्रहण।

error: Content is protected !!