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May 20, 2024

सरकार को मॉनसून के बारे में पहले से पता था, पर फिर भी व्यवस्था बैठक नहीं की : जयराम

News portals-सबकी खबर ( शिमला ) भाजपा के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल में बाढ़ और बरसात के कारण भारी क्षति हुई है। जान एवं माल दोनों की क्षति बड़ी तादात में हुई है, यह अप्रत्याशित बारिश थी और हिमाचल में 170 से ज्यादा जाने गई है
हिमाचल प्रदेश में निश्चित रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर का भी बहुत हुआ है, उन्होंने कहा कि विपक्ष का पक्ष इस संकट के क्षणों में साफ है और हम सरकार को पूर्ण सहयोग दे रहे हैं। हमने सरकार की पूर्ण रूप से मदद की है और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के दिशा निर्देश अनुसार हमारे कार्यकर्ताओं ने भी एकजुट होकर प्रभावित परिवार को सहायता पहुंचाने का कार्य किया है।

जयराम ठाकुर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर इस आपदा की घड़ी में राजनीति करने की शुरुआत हुई है तो वह कांग्रेस सरकार ने की है। विपक्ष की ओर से राजनीति कभी की नहीं गई थी, इस संकट की घड़ी में विपक्ष सरकार के साथ और हिमाचल की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

लगातार सत्ता पक्ष भाजपा पर को आरोप लगाने का प्रयत्न कर रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। जयराम ठाकुर ने कहा कि जब हमारी सरकार सत्ता में थी तो हमने बाढ़ ,कोविड-19 जैसी बड़ी महामारीयां देखी पर उस टाइम भी हिमाचल में इस प्रकार की विफल प्रबंधन नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हर साल 3 दौर आते हैं बरसात, गर्मी, सर्दी। बरसात में बाढ़, गर्मी में सूखा और बर्फ में सर्दी की तैयारियां की जाती है। इन तैयारियों को लेकर प्रबंधन की दृष्टि से राज्य स्तर की बैठक का आयोजन किया जाता है, जिसमें मुख्यमंत्री और अफसर दोनों भाग लेते हैं। पर इस बार ऐसी कोई बैठक नहीं हुई। इस सरकार को पता था कि भारी बारिश आने वाली है, मॉनसून जल्दी आने वाला है, तो बैठक को भी जल्दी करना चाहिए था।

विपक्ष की भूमिका होती है कि जहां कमी रही है उसको सरकार के समक्ष लाया जाए, पर विपक्ष को राजनीति के लिए जिम्मेदार ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को विपक्ष को दोष देने से पहले स्वयं का आत्म चिंतन करना चाहिए गलतियां निकल कर खुद ही सामने आ जाएगी।

उन्होंने कहा कि हमने दूरभाष के माध्यम से और व्यक्तिगत जाकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय, अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को हिमाचल में बाढ़ की स्थिति के बारे में अवगत करवाया है। जिसके उपरांत उन्होंने केंद्र सरकार के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में एक 382 करोड़ की राहत राशि प्रदान की। एनडीआरएफ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाएं , जो टीम नुकसान का जायजा लेने के लिए नवंबर माह में आती है वह तुरंत आ गई और अपनी रिपोर्ट भी केंद्र को सौंपने वाली है।
पर मुख्यमंत्री यह बयान देते हैं कि केंद्र से कोई मदद नहीं मिली है , यह झूठ है।

जनता को फौरी राहत देने का कार्य अव्यवस्थित रूप से चल रहा है। कांग्रेस के पदाधिकारी, विधायक के परिवार के सदस्य, कांग्रेस के कार्यकर्ता फौरी राशि को नकद बांट रहे हैं और उसकी पब्लिसिटी हासिल करना चाहते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो जनता को रिलीफ देने में भी भेदभाव हो रहा है।

आर्मी के जो हेलीकॉप्टर रेस्क्यू के लिए कार्यरत हुए हैं, उसमें इनके नेतागण खुद बैठकर जा रहे हैं। जहकी उन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल केवल फंसे लोगों को निकालने के लिए होता है, हमारे समय भी यह हेलीकॉप्टर आए थे पर हमने इनका इस्तेमाल नहीं किया, हमने आर्मी को अपना काम करने दिया था। इनके नेता इन हेलीकॉप्टरों में सेल्फी खिंचा रहे हैं , फोटोग्राफी कर रहे हैं और उसके बाद उनको सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं।
सत्ताधारी पार्टी का यह रुख दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि हमने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी हिमाचल प्रदेश की वस्तुस्थिति बताई और उनको बताया कि नेशनल हाईवे, सड़कों को कितना नुकसान हुआ है। हमसे उनसे निवेदन किया कि आप हिमाचल आएं और इसका जायजा ले, वह तुरंत मान गए। अब नितिन गडकरी 1 अगस्त को कुल्लू मनाली आएंगे और उसके बाद एक बार फिर हिमाचल प्रदेश के अन्य क्षेत्रों का भी दौरा करेंगे।

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