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May 7, 2024

आधुनिक मशीनों से खेती करने लगे गिरिपार के किसान

क्षेत्र में पावर विडर, ब्रश कटर व पावर टिलर का इस्तेमाल शुरू

प्रौद्योगिकी के दौर में प्रगतिशील किसानों ने अपनाई खेती की नई तकनीक

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)

प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में शामिल उपमंडल संगड़ाह के कुछ प्रगतिशील किसान अब पारंपरिक तकनीक की जगह मशीनों से खेती शुरू कर चुके हैं। क्षेत्र में अब खेत जोतने के लिए जहां बैलों की जगह पावर वीडर व पावर टिलर का इस्तेमाल होने लगा है, वहीं घास काटने के लिए भी ब्रश कटर का इस्तेमाल कईं किसान शुरू कर चुके हैं।

संगड़ाह के साथ लगते गांव डुंगी के प्रगतिशील किसान तपेंद्र शर्मा व पंकज तथा काठियोग के अशोक ने इस बार रबी की फसल की बिजाई बैलों की जगह पावर वीडर से की। तपेन्द्र द्वारा घास काटने के लिए भी ब्रश कटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि, यह मशीन पांच आदमियों के बराबर काम कर सकती है। इन मशीनों की कीमत महज 60 हजार के आसपास बताई जा रही तथा इन्हें खरीदने के लिए कृषि व बागवानी विभाग से राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत अनुदान भी दिया जाता है।

जबलोग व सींऊ गांव में भी कुछ किसान बैलों से खेत जोतने की बजाए पावर वीडर का इस्तेमाल करने लगे हैं। गौरतलब है कि, क्षेत्र में 80 के दशक तक जहां केवल गेहूं व मक्की आदि खाद्यान्न फसलें ही बड़े पैमाने पर उगाई जाती थी, वहीं अब टमाटर, मटर, अदरक लहसुन व गोभी आदि नगदी फसलों तथा बैमौसमी सब्जियों किसानो की कमाई का मुख्य जरिया है।

नकदी फसलों से किसानों का जीवन स्तर भी बेहतर हुआ, जिसके चलते क्षेत्र के कईं युवा आज डॉक्टर, इंजीनियर व प्रशासनिक अधिकारी भी बन चुके हैं। क्षेत्र के अधिकतर हिस्सों में क्योंकि खेत छोटे होने के चलते ट्रैक्टर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, इसलिए लोग पावर टिलर पावर वीडर जैसी मशीनों अथवा कृषि उपकरणों का इस्तेमाल कर खेती को आसान बना रहे हैं।

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