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May 18, 2024

सीएसआईआर ने अपना 79वां स्थापना दिवस मनाया

News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली )

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने आज यहां अपने परिसर में स्थित एसएस भटनागर सभागार में अपना 79वां स्थापना दिवस मनाया। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा सीएसआईआर के उपाध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कोविड-19 महामारी के वर्तमान समय में सोशल डेस्टेंसिंग बनाए रखते हुए बहुत कम लोगों की उपस्थिति में सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के सचिव श्री ए चक्रवर्ती, एचआरडीजी के प्रमुख, सीएसआईआर की सभी प्रयोगशालाओं तथा अन्य बहुत से लोगों ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया।

मंत्री महोदय ने वर्तमान केविड-19 संकट के दौरान सीएसआईआर के कर्मचारियों द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा,” सीएसआईआर प्रयोगशालाओं ने आगे बढ़कर नैदानिक उपचार, दवाएं और वेंटिलेटर तथा अन्य सामान उपलब्ध कराया।” डॉ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर सीएसआईआर के कोविड-19 के समय में किए प्रयासों पर एक डिजिटल पुस्तक और एक लघु फिल्म भी जारी की। इन दोनों में कोविड-19 के दौरान सीएसआईआर द्वारा की गई पहलों में शामिल कर्मचारियों के कार्य को रेखांकित किया गया है।

इस अवसर पर, सीएसआईआर के बहुत से पुरस्कारों की भी घोषणा की गई। इनमें सीएसआईआर के स्कूली बच्चों के लिए नवाचार पुरस्कार-2020, सीएसआईआर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार-2020 , सीएसआईआर प्रौद्योगिकी पुरस्कार, सीएसआईआर ग्रामीण विकास के लिए एसएंडटी इनोवेशन (सीएआईआरडी)-2017, 2018, 2019 पुरस्कार, सीएसआईआर डायमंड जुबली प्रौद्योगिकी पुरस्कार और जी एन रामचंद्रन जैव विज्ञान एसएंडटी गोल्ड मैडल फॉर एक्सीलेंस -2020 शामिल थे।

सीएसआईआर के डीजी श्री शेखर मांडे ने प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार-2020 के विजेताओं के नामों की घोषणा की।

अपने संबोधन में, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा,” महामारी के कारण अप्रत्याशित कठिनाइयों और कुछ बहुत कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।” उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि सीएसआईआर ने इन चुनौतियों को अवसर में बदल दिया और अभी तक के अपने इतिहास में पहली बार सीएसआईआर की सभी प्रयोगशालाओं ने, चाहे वे एयरोस्पेस की हों या ओशनोग्राफी की, चमड़े की हो या जिनोमिक्स की, सभी ने अपनी शक्ति को एकत्र किया और अपनी समूची ऊर्जा के साथ सामने आ खड़ी हुई समस्या- कोविड-19 पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा , “सभी प्रयोगशालाओं में आपसी सहयोग और सहकार का एक संक्रामक उत्साह नज़र आया। सीएसआईआर की पांच ऊर्ध्वाकार दृष्टियों (फाइव वर्टिकल्स एप्रोचिस) ने सभी प्रयोगशालाओं का एक दूसरे में समावेशन किया, बेशक वे किसी भी तरह की विशेषज्ञता रखती हों और इस तरह वे 100 अनूठी प्रौद्योगिकियां लेकर आईं।”

मंत्री महोदय ने कहा कि चाहे वे दवाएं, टीका, परीक्षण, अनुक्रम, पीपीई, अस्पताल के लिए सहायक सामग्री, मास्क, सैनिटाइजर, विसंक्रमण व्यवस्था हो, सीएसआईआर सभी के लिए तीव्र और नवोन्मेषी समाधान तेकर आया। डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि सीएसआईआर की सीसीसीएमबी उन पहली प्रयोगशालाओं में से एक थी जिन्होंने ना सिर्फ देश में कोविड के परीक्षण शुरू कराए बल्कि केंद्र ने बहुत सारे चिकित्सा कर्मचारियों को परीक्षण करने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा,” आप जानते हैं कि आज देश में परीक्षण काउंट बहुत घातक हो गया है।”

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा , “200 से ज्यादा जीनोम का सीएसआईआर में अनुक्रम तैयार किया गया है और उन्होंने इस विश्लेषण के लिए उपकरण भी विकसित कर लिए हैं।” उन्होंने कहा, “हालांकि सीएसआईआर ने नवीन परीक्षण पद्धति और नैदानिकी का विकास कर लिया है, कम कीमत वाली दवाएं जैसै फेवीपिराविर का संश्लेषण कर लिया है, टीके के परीक्षण कर रहे हैं और भी बहुत कुछ काम किया जा रहा है, इसने अस्थाई अस्पताल भी तैयार किए हैं, जिनमें से एक का मैने हाल ही में गाजियाबाद में उद्घाटन किया था।”

किसानों को अपने उत्पाद का परिवहन करने और बिना बिचौलियों के उसकी बिक्री करने की सुविधा दिलाने के लिए सीएसआईआर ने एक बेहद सफल ऐप “किसान सभा” और बाद में “आरोग्यपथ ऐप” का विकास किया है।

मंत्री महोदय ने कहा, ” सीएसआईआर ऐसा संस्थान है जिससे जब भी किसी चुनौती के समय सहायता की अपेक्षा की गई तब उसने हमेशा प्रतिक्रिया दी। यह भूतकाल में भी हो चुका है और हाल के दिनों में भी उसने तुरंत प्रतिक्रिया दी है।”

डॉ. हर्षवर्धन ने सीएसआईआर से आग्रह किया कि वह गंभीरता से विचार करे और एसएंडटी के जरिए “आत्मनिर्भर भारत” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रोडमैप और रणनाति तैयार करे। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि छोटे स्कूली बच्चों में नवोन्मेष के प्रति आग्रह दिखा है। उन्होंने सभी युवा वैज्ञानिक पुरस्कार विजेताओं, प्रौद्योगिकी पुरस्कार विजेताओं और सीएआईआरडी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी।

डॉ. शेखर मांडे ने अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि मार्च में सीएसआईआर ने इस महामारी के समय की कुछ जरूरतों की पहचान की, अपनी ताकत और क्षमता का आकलन किया और इस बीमारी के निदान, निगरानी, दवाओं, अस्पतालों के लिए सहायक उपकरणों, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, सप्लाई चेन और संभार तंत्र को लेकर एक बहुआयामी रणनीति अपनाई। इस रणनीति के अब उत्साहवर्धक समाधान सामने आ रहे हैं।

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