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May 20, 2024

परिषद् के सभी सदस्य राज्यों से पानी के बटवारे संबंधी मुद्दों का आपस में मिलकर समाधान निकालने का आह्वान

News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली)

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज तिरुवनंतपुरम में 30वीं दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों, पुड्डुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल, लक्षद्वीप के प्रशासक, दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों के मुख्य सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, सचिव, अंतर राज्ययीय परिषद सचिवालय और राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने अपने शुरूआती संबोधन में प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर केरल के लोगों को ओणम की अग्रिम बधाई दी। उन्होंने कहा कि ओणम सिर्फ केरल ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्यौहार है |  अमित शाह ने कहा कि ये वर्ष देश के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष को आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किये गये हर घर तिरंगा अभियान में हर देशवासी ने राज्य, जाति, धर्म से ऊपर उठकर अपने घर पर तिरंगा लगाकर एकता और राष्ट्रभक्ति का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। शाह ने देश के सभी राज्यों को आज़ादी का अमृत महोत्सव बहुत अच्छी तरह से मनाने के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव में अगले ग्यारह महीनों में राष्ट्र भक्ति की इस स्पिरिट को नीचे तक पहुँचाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ सालों में क्षेत्रीय परिषद् का कलेवर बदला है और इनकी बैठकों की संख्या में खासी वृद्धि हुई है। 2014 से पहले क्षेत्रीय परिषदों की एक साल में औसतन दो बैठकें होती थी, इसे हम बढ़ाकर 2.7 पर ले आये हैं। स्थायी समिति की औसतन 1.4 बैठकें होती थी, इसे भी हमने 2.75 तक बढ़ाकर लगभग दो गुना कर दिया है। 2014 से पहले क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में सुलझाए गए मुद्दों का प्रतिशत 43 था, अब यह बढ़कर 64 प्रतिशत हो गया है। 2006 से 2013 के बीच क्षेत्रीय परिषद् के बैठकों में 104 मुद्दों पर चर्चाएँ हुईं, 2014 से 2022 तक 555 मुद्दों पर चर्चाएँ हुईं और इनमें से 64 प्रतिशत को आपसी सहमति से सुलझा लिया गया। उन्होंने कहा कि भारत के 9 तटीय राज्यों में से 4 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में से 3 प्रदेश इस दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद् में शामिल हैं, इसका मतलब है कि भारत की कुल 7,500 किलोमीटर लंबी तटीय सीमा में से लगभग 4800 किलोमीटर सीमा इन्हीं राज्यों में आती है। शाह ने कहा कि भारत के  12 प्रमुख बंदरगाहों में से 7 प्रमुख बंदरगाह इसी क्षेत्र में हैं।

इसके साथ ही अब भारत के कुल 3,461 फिशिंग गाँवों में से 1763 फिशिंग गाँव इसी ज़ोन में हैं और यहाँ समुद्री उत्पादों का व्यापार और निर्यात बढ़ाने की अपार संभावनाएँ हैं। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री का दक्षिण भारत से खास लगाव है इसी कारण 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने तटीय राज्यों के विकास के लिए सागरमाला परियोजना के साथ-साथ प्रमुख बंदरगाहों के अपग्रेडेशन के लिए विभिन्न योजनाएँ शुरू की। इनमें से कुल 76 हजार करोड़ रुपये की 108 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं जबकि 132000 करोड़ रुपये की 98 परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं पर तटीय राज्यों के लिए सागरमाला के तहत काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि तटीय जिलों के समग्र विकास के लिए कुल 7737 करोड़ रुपये की लागत से 61 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। ब्लू रिवॉल्यूशन के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है। 2015 से दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पुड्डुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना राज्यों में फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड स्कीम के लिए 4206 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में बंदरगाह और मत्स्य पालन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2711 करोड़ रुपये की लागत से 56 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

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