News portals-सबकी खबर(संगड़ाह)
अंतर्राष्ट्रीय मेला श्री रेणुकाजी के औपचारिक समापन्न के बावजूद बुधवार को मेला बाज़ार मे आए श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगो ने जमकर खरीदारी हुई तथा यहां मौजूद साढ़े तीन सौ के करीब मुख्य दुकानों मे काफी भीड़ देखी गई। मेले में आए दूर दूर से श्रद्धालुओं को सबसे ज्यादा भीड़ मिठाई, कपड़े व बर्तनों की दुकानों में रही।जबकि आमतौर पर स्थानीय अथवा आसपास के लोग मेले के औपचारिक समापन के बाद मेला बाजार से खरीदारी करते हैं, क्योंकि मेले के बाद व्यापारी चीजों को कम कीमत पर जल्द बेचने की कोशिश करते हैं।
बता दे कि मंगलवार को हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा मेले का समापन किया जा चुका है, मगर खरीदारी का दौर अभी कुछ दिन और जारी रहेगा। मेला व्यापारियों तथा रेणुकाजी बोर्ड से संबंधित लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बार मेला मार्ग के दोनों और लगी मुख्य दुकानों ने अब तक करीब अढ़ाई करोड़ का कारोबार किया। दुकानों को प्लाट आवंटन से रेणुकाजी विकास बोर्ड अथवा जिला प्रशासन को इस बार भी 50 लाख से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ, हालांकि पूरी राशि वसूल न होने के चलते बोर्ड द्वारा इस बारे अब तक अधिकारिक जानकारी नही दी गई है।
पिछले पांच वर्षों से लगातार मेले मे प्लॉट आबंटन से होने वाली आय में बढ़ोतरी हुई है तथा मेले मे सभी साधनों से बोर्ड अथवा प्रशासन को एक करोड़ के करीब राजस्व प्राप्त होता है। मेले में बाहर से आए व्यापारियों के अनुसार इस बार मेले में कम भीड़ जुटने के चलते वह अब तक घाटे में हैं तथा मुनाफे की उम्मीद में दो-चार दिन और रूकेंगे। मेले के समापन्न समारोह में मुख्यमंत्री के पंहुचने से हालांकि बसों व अन्य भारवाहक वाहनों में भारी ओवरलोडिंग देखी गई, मगर व्यापारियों के अनुसार इस बार एचारटीसी की अतिरिक्त बसों की संख्या कम होने के चलते भीड़ ज्यादा दिखी। पिछले करीब डेढ़ दशक से मेले में बसों व सुरक्षा बलों की संख्या न बढ़ने तथा 2012 में अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिलने के बावजूद यहां अन्य अंतरराष्ट्रीय मेलों जैसी मूलभूत सुविधाएं न मिलने के चलते जानकारों के अनुसार मेलार्थियों अथवा खरीददारों की संख्या नहीं बढ़ रही है।
लेकिन इस बार यहां सूबे के अन्य अंतरराष्ट्रीय मेलों के स्तर के कलाकार न बुलाए जाने, मौजूदा कलाकारों के कार्यक्रमों को लेकर भी पूर्व सूचना उपलब्ध न होने तथा अन्य डीपो से मात्र चार अतिरिक्त बसें मंगवाया जाना आदि भीड़ कम रहने के मुख्य कारण समझे जा रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार समापन समारोह में अन्य दिनों से ज्यादा भीड़ जुटी तथा बुधवार को पहुंचे खरीदारों को देखते हुए वह दो-तीन दिन और रुकने का मन बना चुके हैं। बहरहाल मुख्यमंत्री द्वारा मेले के औपचारिक समापन किए जाने तथा यहां से सुरक्षा व्यवस्था हटाए जाने के बावजूद खरीदारी का दौर जोरों पर है।
Recent Comments