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May 18, 2024

प्रदेश में खरीफ सीज़न में खाद्यान्न फसलों के 4121 मीट्रिक टन बीज वितरित

News portals-सबकी खबर (शिमला ) मानसून की तैयारी, खरीफ फसलों की बुआई और कृषि के लिए विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए केन्द्रीय संयुक्त सचिव, (सी0 आर एवं प्रमुख कार्यकारी अधिकारी) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, रितेश चौहान और कृषि सचिव राकेश कंवर की सह-अध्यक्षता में गत दिवस यहां एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य के सभी सम्बन्धित योजना नोडल आधिकारियों की उपस्थ्तिि में केंद्र प्रायोजित योजनाओं और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं की विस्तार से समीक्षा भी की गई।
रितेश चौहान ने केन्द्रीय योजनाओं के सभी घटकों मुख्यतः फसल बीमा योजना का त्वरित प्रचार-प्रसार पर बल दिया ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने प्रदेश में पंचायत स्तर पर स्वचलित मौसम केन्द्र स्थापित करने पर बल देते हुए कहा कि इसमें केन्द्र सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व कृषि उन्नति योजनाओं के तहत विभिन्न उप-योजनाओं के तहत वर्ष 2023-24 के लिए फंड रिलीज़ करने के लिए त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया ताकि प्रदेश के किसानों को समय पर लाभ मिल सके।
कृषि सचिव राकेश कंवर ने बताया कि बीज एवं कृषि आदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक फसल योजना पहले से ही लागू है तथा खरीफ में बुआई की जाने वाली विभिन्न फसलों के बीज प्रदेश के किसानों को अनुदान पर उपलब्ध करवा दिए गए है। खरीफ सीज़न 2023 मंे खाद्यान्न फसलों के 4121 मीट्रिक टन बीज, 30 मीट्रिक टन कीटनाशक व 10607 मीट्रिक टन रासायनिक खाद उपलब्ध करवाई जा चुकी है। इसके अतिरिक्त कृषि विज्ञान केन्द्र एवं राज्य कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से जलवायु सहाय कृषि, मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बैठक में फंड रिलीज़ आदि से सम्बन्धित मुद्दों पर चर्चा की गई और विभाग की ओर से आश्वस्त किया गया कि फंड के समुचित उपयोग के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने जाएंगे। बैठक के दौरान कृषि निदेशक, राजेश कौशिक द्वारा मानसून की तैयारी के लिए किये गये उपायों पर प्रकाश डाला और समीक्षाधीन विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए उठाए गए कदमों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानसून की स्थिति संतोषजनक है तथा खरीफ फसलों की बुआई सुचारू रूप से समय पर हो चुकी है।

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