News portals-सबकी खबर (नौहराधार)
जिला के गिरिपार क्षेत्र के आराध्य देव शिरगुल महाराज देवामानल से जातर अपने कुल देवता शिरगुल महाराज की चांदी व सोने से जड़ी पालकी शुक्रवार को विधि-विधान के साथ शाही स्नान के लिए चूड़धार के लिए रवाना हुई। देवामानल क्षेत्रों के लोगों ने अपनी प्राचीन परंपरा को भी बखूबी निभाया। शुक्रवार शाम को चूड़धार पहुंचने पर देवता का शाही स्नान करवाया गया। तत्त्पश्चात मंदिर में प्रस्थान करवाया जाएगा।
इस अवसर पर नौहराधार बाजार होते हुए चूड़धार के लिए पालकी निकली तो लोगों ने देवता से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। नौहराधार में पालकी में विराजमान देवता के दर्शनों को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। शिरगुल महाराज की पालकी प्राचीन परंपरा के साथ व वाद्य यंत्रों के साथ शिरगुल महाराज के जयकारों के साथ चूड़धार के लिए रवाना हुई। पालकी जब निकली तो समूचा क्षेत्र जयकारों से गुंजयमान हो उठा। देवामानल क्षेत्र से पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ देवता की पालकी शुक्रवार देर शाम तक चूड़धार पहुंचाया। चूड़धार पहुंचने के बाद देवते को मंदिर में रखा गया। देवता के साथ आई जातर ने मंदिर में पूजा अर्चना की।
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