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जयराम सरकार के एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन में 10 लाख से ज्यादा ऐसे लोगों की पहचान की है, जिन्हें कोरोना बचाव के ज्यादा कदम उठाने होंगे। इसमें 60 साल से ज्यादा आयु के पौने आठ लाख बुजुर्ग शामिल हैं। इसके अलावा सवा लाख ब्लड प्रेशर पीडि़त तथा 60 हजार शुगर मरीजों की संख्या है। इसके अलावा अस्थमा से जूझ रहे 47 हजार प्रदेश के लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाए रखना होगा। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर इन तीनों बीमारियों के पीडि़तों और बुजुर्गों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है।
एडवाइजरी में कहा है कि इन लोगों को घरों से बाहर निकलने न दिया जाए। इसके अलावा बाहर से आने वाले लोगों से भी इन्हें संपर्क से दूर रखा जाए। दरअसल, राज्य सरकार की एक्टिव केस फाइंडिंग में यह बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के कुल 72 लाख लोगों का घर-घर जाकर आंकड़ा जुटाया गया है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हिमाचल एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने एक्टिव केस फाइंडिंग की है। इस फाइंडिंग के दौरान खुलासा हुआ है कि राज्य में 60 से अधिक आयु सहित ब्लड प्रेशर, शुगर और अस्थमा के कुल 10 लाख सात हजार 739 लोग हैं। प्रदेश की कुल आबादी के 14.5 फीसदी इन लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।
इसमें कहा गया है कि इन लोगों में हल्का सा भी वायरस तेजी से फैलता है। इसकी चपेट में तीनों बीमारियों से ग्रसित लोग और बुजुर्ग आने के बाद बहुत कम स्वस्थ होते हैं। दुनिया और देशभर में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें भी इन्हीं बीमारियों से ग्रसित लोगों व बुजुर्गों की हुई है। यही कारण है कि यूरोप में मरने वालों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। जाहिर है कि अमरीका, इटली सहित विकसित देशों में व्यक्ति की औसत आयु भारत के मुकाबले ज्यादा है। लिहाजा इस अनुभव को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर इन लोगों का विशेष ध्यान रखने को कहा।
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