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May 4, 2024

विश्व में तेजी से फैल रहा जानलेवा संक्रमण

News portals-सबकी खबर (बीजिंग, जेनेवा) 

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। दुनिया भर में इससे संकमण के मामले लगातार बढ़ते हुए एक करोड़ दो लाख से अधिक हो गए और इस बीमारी से मरने वालों की संख्या भी पांच लाख से अधिक हो गई है। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक विश्व भर में संक्रमितों की संख्या 1,02,96,143 हो गई है, जबकि 5,05,478 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 24 घंटे में संक्रमण के 1 लाख 89 हजार 077 केस मिले हैं, जबकि 4612 लोगों की मौत हुई है। कोविड-19 के मामले में अमरीका विश्व भर में पहले, ब्राजील दूसरे और रूस तीसरे स्थान पर है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमरीका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है। विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमरीका में अब तक 25,48,617 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 125,803 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 13,44,143 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, जबकि 57,622 लोगों की मौत हो चुकी है। रूस में भी कोविड-19 का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 6,41,156 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 9166 लोगों ने जान गंवाई है।

140 साल में ऐसी महामारी नहीं देखी

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने महामारी और अमरीकी प्रतिबंधों को लेकर कहा कि देश के इतिहास में यह साल सबसे खराब रहा है। 140 साल में हमने ऐसी महामारी नहीं देखी।  बता दें कि ईरान में 2.25 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं, जबकि दस हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

भारत में बन रही वैक्सीन को बड़ी कामयाबी, ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी

नई दिल्ली। भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही भारत की पहली कोविड-19 वैक्सीन – ष्टहृङ्क्नङ्गढ्ढहृ ज्ञ् के मानव क्लीनिकल परीक्षण के पहले और दूसरे चरण के लिए डीजीसीआई की अनुमति मिल गई है। भारत में तैयार की जा रही यह कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन  है, जिसे इनसानों पर ट्रायल करने की मंजूरी मिली है। ये परीक्षण जुलाई, 2020 में शुरू हो जाएगा। भारत में कोविड-19 वैक्सीन का निर्माण करने वाली ये कंपनी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से ये टीका तैयार करने के प्रयासों में लगी है। सार्स-कोव-2 तनाव को एनआईवी, पुणे में अलग कर दिया गया और भारत बायोटेक में स्थानांतरित कर दिया गया। भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी, निष्क्रिय टीका विकसित और निर्मित किया जा रहा है।

पेइचिंग में पांच लाख लोग घरों में कैद

वायरस के दूसरे चरण को छिपाने की कोशिश कर रहा चीन

पेइचिंग –

चीन अब कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरे चरण को छिपाने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित राजधानी पेइचिंग में अब भी लगभग पांच लाख लोग घरों में कैद हैं। चीनी सरकार ने चेतावनी दी है कि राजधानी से सटे इन क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति अब भी गंभीर है। रिपोर्ट के अनुसार, पेइचिंग से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अंशिन काउंटी को पूरी तरह सील कर दिया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों को जांच के दौरान यहां कोरोना वायरस के नए क्लस्टर देखने को मिले थे। बताया जा रहा है कि संक्रमण की ऐसी ही स्थिति वुहान में भी देखी गई थी। कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरे चरण में चीन में अब तक 311 नए मामले रिकार्ड किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, पेइचिंग में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए दूसरे स्तर के अलर्ट को अब कम किया जा सकता है। हालांकि थोक बाजार और सार्वजनिक परिवहन को अब भी बंद ही रखा जाएगा। पेइचिंग से बाहर जाने वाले किसी भी व्यक्ति को पिछले सात दिनों में कराए गए कोरोना वायरस टेस्ट की रिपोर्ट दिखानी होगी कि उसमें संक्रमण नहीं है। शनिवार को समाप्त हुए तीन दिवसीय ड्रैगन बोट फेस्टिवल के दौरान लाखों चीनी लोगों ने यात्राएं कीं, लेकिन इससे संक्रमण फैलने की कोई बात सामने नहीं आई है। फिर भी चीनी सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, बीजिंग सीडीसी शोधकर्ताओं ने कहा है कि राजधानी पेइचिंग के झिनफडी बाजार में क्लस्टर संक्रमण फैलाने वाले कोरोना वायरस के जीनोम सिक्वेंसिंग से पता चला है कि यह यूरोप से आया है। शोधकर्ताओं ने दावा किया कि यह संक्रमण चीन के बाहर से आए वायरस से फैला है।

ताजा प्रकोप से चीनी प्रशासन सकते में

चीन में कोरोना वायरस के इस ताजा प्रकोप ने उसे हिलाकर रख दिया है, जिसने वुहान में महामारी को काबू में करके सफलता पाई थी। पेइचिंग में कोरोना वायरस फैलने से नाराज शी चिनफिंग के प्रशासन ने शिनफादी मार्केट के दो स्थानीय अधिकारियों और एक जनरल मैनेजर को बर्खास्त कर दिया है। स्वास्थ्य नीति को देखने वाले सुन चुनलान ने कहा कि बाजार बहुत घना है और लोग इधर से उधर जाते रहते हैं। इस बात का खतरा बहुत ज्यादा है कि कोरोना वायरस और जगहों पर फैल सकता है।

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