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May 5, 2024

जेबीटी की पोस्ट पर b.ed को नियुक्त करना यानि जेबीटी बेरोजगारों के साथ अन्याय करना

News portals-सबकी खबर(हिमाचल प्रदेश )

हिमाचल प्रदेश जे.बी.टी/ डी.एल.एड बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जेबीटी की पोस्ट पर जेबीटी को ही नियुक्त किया जाए। इसके लिए संघ कई बार सरकार से मिला। जेबीटी की पोस्ट पर b.ed को नियुक्त करना 40000 जेबीटी बेरोजगारों साथ अन्याय होगा। हिमाचल प्रदेश जेबीटी/ डीएलएड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा है कि इस समय प्रदेश में लगभग 40,000 जेबीटी बेरोजगार है, जो 15-15 सालों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में 12 डाइट तथा 28 प्राइवेट कॉलेज है। जो हर साल 5000 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण देते हैं। अभी हाल ही में इस समय इन प्रशिक्षण संस्थानों में 3 बेच प्रशिक्षण ले रहे हैं। सन 2018 के के बाद जेबीटी का एक भी पद नहीं भरा गया। प्रदेश में इस समय 3000 जेबीटी के पद खाली चल रहे हैं।

देश में हजारों स्कूल खाली चल रहे है। हजारों बच्चों का भविष्य खतरे में है। लगभग 2600 सीटें कैबिनेट में पास हुई है जो सन 2018 के बाद नहीं भरी गई है। सन 2019 में 617 सीटों के लिए हमीरपुर चयन बोर्ड द्वारा कमीशन करवाया गया परंतु अभी तक इसका परिणाम नहीं निकल पाया है। जेबीटी के स्थान पर जेबीटी को ही नियुक्त किया जाए, क्योंकि जेबीटी कोर्स में सिर्फ एक से पांचवी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि b.ed कोर्स में 6 से 10 कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। जेबीटी तथा b.ed कोर्स के पाठ्यक्रम में भी अंतर होता है। जेबीटी कोर्स में सिर्फ 6 से 10 साल तक के बच्चों के मनोविज्ञान तथा शिक्षण विधि का प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि b.ed कोर्स में 11 वर्ष से ऊपर के बच्चों के मनोविज्ञान तथा शिक्षण विधि का प्रशिक्षण दिया जाता है।

इसी कारण यह दोनों कोर्स एक को दूसरे से अलग करते हैं। इस प्रकार जेबीटी के पद पर b.ed को नियुक्त करना सरासर गलत होगा। साथ ही साथ शिक्षा की गुणवत्ता के ऊपर भी प्रश्न चिन्ह होगा तथा लगभग 40,000 जेबीटी बेरोजगारों के साथ अन्याय होगा। 40,000 प्रशिक्षित बेरोजगार जेबीटी 3 सालों से न्याय का इंतजार कर रहे हैं, अभी तक सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाया। हिमाचल प्रदेश जेबीटी बेरोजगार संघ सरकार से निवेदन करता है कि इस पर उचित निर्णय ले, तथा जेबीटी के पद पर जेबीटी को ही नियुक्त किया जाए ताकि 40,000 जेबीटी बेरोजगारों को उनका हक मिले और उनके साथ न्याय हो। इसके लिए लगभग 40,000 जेबीटी रोजगार तथा उनका परिवार हमेशा सरकार का ऋणी रहेगा।

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