Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

June 22, 2025

फिना सिंह परियोजना में प्रदेश को करोड़ों की चपत लगाने की तैयारी में सरकार : जय राम ठाकुर

News portals-सबकी खबर (शिमला ) शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्षजयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित फिना सिंह योजना में भी भ्रष्टाचार के रास्ते तलाश रही है। सुक्खू सरकार ने टेंडर की शर्तों में जो हेर-फेर कर रही है उससे प्रदेश को करोड़ों की चपत लग रही हैं।  ज्वाइंट वेंचर पर रोक लगा कर सुक्खू सरकार एक तरफ नियमों की धज्जियां उड़ा रही है तो दूसरी तरफ टेंडर प्रक्रिया से बहुत से बड़ी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है। जिसकी वजह से कई कंपनियां टेंडर प्रक्रिया से बाहर हो गई और टेंडर का कंपटीशन घट गया। पहले से निर्धारित खेल इसके बाद शुरू हुआ और सरकार की ही चहेती कंपनियों ने मिल जुल कर खेल शुरू कर दिया है। इसी का नतीजा है कि फिना सिंह प्रोजेक्ट के जिस टेंडर की कीमत 297 करोड़ थी उसके लिए मिनिमम बिड 304 रुपए करोड़ के ऊपर आई है। सरकार इन्हीं कंपनियों को अब काम देकर प्रदेश को करोड़ों की चपत लगाएगी। यह भी सूचना आ रही ही कि जिन कंपनियों का सरकार साथ दे रही है, जिन्हें ऐन- केन-प्रकारेण यह प्रोजेक्ट सौंपना चाहती है उनका डैम बनाने का पहले कोई अनुभव ही नहीं है। हालांकि यह सरकार फिनाइल बेचने वाली कंपनी से नर्सों की भर्ती करवाने का हुनर रखती है, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सवाल उठाया जा चुका है।ऐसे में सरकार द्वारा इस तरह से केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता भी अपने चहेतों को लाभ देने में लुटाई जा रही है। इसके पहले सरकार पेखुवेला सोलर प्रोजेक्ट्स में दोगुना कीमत पर बनवाया और इसी चक्कर में विमल नेगी की जान भी गई।

जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ने ज्वाइंट वेंचर पर रोक लगाकर टेंडर से बहुत सी कंपनियों को बाहर कर दिया। यदि बहुत सारी कंपनियां इस बिडिंग प्रक्रिया में शामिल होती तो टेंडर में 25 से 30 प्रतिशत कम पर भी दांव लगता और इससे प्रदेश का 75 से 90 करोड़ रुपए बच सकते थे। यह बातें हवा में नहीं कही जा रही हैं। केंद्र सरकार के नेशनल हाइवे ऑथोरिटी समेत जितने भी टेंडर निकाले जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा बरती गई पारदर्शिता के कारण सभी टेंडर टेंडर रेट से औसतन 25 से 30 प्रतिशत कम रेट पर ही अवॉर्ड हो जाते हैं। केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित इस योजना के टेंडर में भी यदि ईमानदारी और पारदर्शिता बरती जाए तो इस प्रोजेक्ट में भी टेंडर प्राइस से कम पर ही बिडिंग हो और प्रदेश को लगभग 75 से 90 करोड़ रुपए का फायदा हो जाए। बड़े प्रोजेक्ट  के टेंडर को समावेशी और सस्ता बनाने के लिए ज्वाइंट वेंचर की व्यवस्था की गई थी। फिना सिंह प्रोजेक्ट में ही 2016 में ज्वाइंट वेंचर की सुविधा से टेंडर हुए थे। केंद्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन, (एनएचएआई) बॉर्डर रोड संगठन (बीआरओ) हिमाचल लोक निर्माण विभाग की परियोजनायों में 100 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट में जॉइंट वेंचर की अनुमति है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रतिष्ठित केंद्रीय संस्थाओं के नियमों के विपरीत हिमाचल सरकार और जल शक्ति विभाग फिना सिंह सिंचाई परियोजना के टेंडर में जॉइंट वेंचर पर रोक कैसे लगा सकती है? और सरकार नियमों में हेर-फेर करके किसी को फायदा और प्रदेश का घाटा क्यों करवा रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि  यह बात सामने आने के बाद सरकार टेंडर प्रक्रिया में तुरंत रोक लगाए और सभी आरोपों की जांच करें। साथ ही ’विशेष कंपनियों’ को राहत देने के लिए बनाए गए प्रोविजन को हटाए और टेंडर की शर्तों को और अधिक ग्लोबल बनाए और फिर से टेंडर करे। जिससे ज्यादा से ज्यादा कम्पनियां टेंडर में भाग ले सकें और प्रतिस्पर्धा बढ़े। टेंडर की कीमतों से बहुत कम कीमत पर यह टेंडर अवॉर्ड हो और प्रदेश को करोड़ों को लाभ हो किसी कंपनी और उससे जुड़े लोगों को नहीं। इस प्रोजेक्ट में धांधली के सारे रास्ते बंद करने की जिम्मेदारी सरकार की है। साथ ही इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि टेंडर की शर्तों में छेड़छाड़ किसके कहने पर किसे लाभ पहुंचाने के लिए की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रदेश हित के प्रोजेक्ट्स में धांधली के बजाय गुणवत्ता को तरजीह देने का आग्रह किया।

जयराम ठाकुर ने कहा कि फिना सिंह सिंचाई परियोजना को समय से पूरा करने और निर्माण कार्यों में गति देने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने बीते साल अगस्त में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल कर 284 करोड़ का बजट मंजूर किया था। इसे केंद्र द्वारा‘त्वरित सिंचाई लाभान्वित कार्यक्रम’(एआईबीपी) के तहत मंजूर किया है। जिसमें 90 प्रतिशत केंद्र व 10 प्रतिशत राज्य सरकार ने खर्च करना है। फरवरी 2025 में केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना के निर्माण के लिए 67.5 करोड़ की पहली किश्त भी जारी कर चुका है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद सुल्याली की 4025 हेक्टेयर से ज़्यादा जमीन को सिंचाई सुविधा मिलेगी। जिससे लगभग 60 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे और क्षेत्र में हरित क्रांति आएगी।

Read Previous

सरकार गांव के द्वार में उद्योग मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को जमकर लगाई लताड़

Read Next

राज्यपाल ने विद्या मंदिर के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!