News Portals-सबकी खबर(पांवटा साहिब)
यदि आपका घर वन विभाग की सीमाओं के साथ लगा है, और घर के नजदीक विभागीय पेड़ है, तो सतर्क हो जाए, पेड़ों के गिरने से जो हानी आपके घर को होने वाली है, उसकी भरपाई विभाग प्रावधान होते हुए भी नही करेगा। ऐसा ही मामला पांवटा विधानसभा में सामने आया है, जहां पर तेज हवा में टूटे वन विभाग के पेड़ ने घर की नींव हिला दी है, और घर की दिवावरे, पिलर व छत को तोड़कर लाखो रुपए का नुकसान पहुंचाया है, विभागीय अधिकारी कहते है, कि उनके पास ऐसा कोई प्रावधान उपलब्ध नहीं है, कि प्राकृतिक आपदा होने पर वह स्थानीय निवासियों की सहायता कर सकें।
जानकारी के मुताबिक पावटा साहिब के तारूवाला में वार्ड नंबर 4 में बने दलीप सिंह के घर पर वन विभाग का पेड़ टूटकर गिर गया है, जिसके बाद पेड़ ने तीन मंजिल घर की छत, दिवारे, पिलर तोड़ दिए है, पूरे घर की दीवारों पर गहरी दरारें आ गई है, वन विभाग की संपति से हुए नुकसान को लेकर विभाग यह मानने को तैयार नहीं की घर का नुकसान उनकी अनदेखी व लापरवाही से हुआ है इसलिए भरपाई भी उनको करनी चाहिए, विभागीय अधिकारियों की मनमर्जी वाली कार्यप्रणाली से मकान मालिक को भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है।
मकान मालिक दलीप सिंह बताते है कि वह पिछले दो सालों से अस्वस्थ चल रहे है, और स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में अपना जीवन-यापन कर रहे है, पूरी जिंदगी की जमापूंजी लगाकर घर बनाया था, जिसे वन विभाग के पेड़ ने घराशाही कर दिया है, विभागीय कर्मचारी व अधिकारी टूटे हुए पेड़ की लकड़ियां लेने जरूर आए है, लेकिन घर को पहुंचाए गए नुकसान की बात को सिरे से नकार दिया है, इसी तरह मौका पटवारी भी आए और हालत देखकर चले गए है, पूरे जीवन की पूंजी से जो घर बनाया था, अब उसकी भरपाई करने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है।
आश्चर्य इस बात से हो रहा है कि दलीप सिंह ने पेड़ टूटने से पहले कई बार वन विभाग व संबंधित कार्यालयों को सूचनाएं दी थी, कि भविष्य में पेड़ गिरा तो उनका घर तोड़ देगा, इसलिए पेड़ को काटना उचित होगा, लेकिन उस समय विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों ने पीड़ित व्यक्ति की बात को यह कहकर टाल दिया कि यदि तेरा घर टूटा तो विभाग उसका मुआवजा दे देगा, और अब जब विभागीय पेड़ ने लाखो का नुकसान पहुंचाया है, तो पीड़ित व्यक्ति को ही धमका रहे है, ऐसे में अब किससे न्याय की फरियाद लगाई जा सकें यह विचारणीय सवाल है।
सूत्रों की माने तो प्राकृतिक आपका से हुए नुकसान को लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी 2 लाख तक का मुआवजा देने के लिए सक्षम बताया गया है, जबकि इसी तरह तहसीलदार कार्यालय व उपमंडलाधिकारी कार्यालय अलग से पीड़ित परिवारों को मुआवजा उपलब्ध करवाता है, लेकिन पावटा साहिब में प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है। मौका पर पहुंचे हल्का पटवारीआदेश ने मामले पर बताया कि उन्होंने दलीप सिंह के घर का निरीक्षण किया है, लेकिन मौका की रिपोर्ट तैयार नहीं की है, अभी उनके पास समय नहीं है जब समय होगा तो रिपोर्ट बनाने के बारे में सोचा जाएगा।
जबकि वन परिक्षेत्र अधिकारी शुभप्रभात मामले पर बताते है कि पेड़ के गिरने से घर को नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन उनके पास ऐसा कोई प्रावधान नहीं होता है, जिससे पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर सहायता राशि प्रदान की जा सकें, जबकि डीएफओ पावटा साहिब कुणाल अग्रिश ने मामले पर बताया कि उन्हें पूर्ण जानकारी नहीं है, वह अपने विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों से जानकारी दे रहे है, यदि उनके कार्यक्षेत्र की बात है तो हर तरह से पीड़ित परिवार की सहायता की जाएगी
Recent Comments