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सरकारी स्कूलों के छात्रों की पढ़ाई के लिए शिक्षक अब नोट्स बनाकर किसी भी पंचायत या ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी राशन डिपो में रख सकते हैं। इसके अलावा एसएमसी के प्रधान तक भी इन्हें भिजवा सकते हैं, ऐसे में उनकी जिम्मेदारी होगी कि वे छात्रों तक नोट्स मुहैया करवाएं। शिक्षा विभाग ने तय किया है कि प्रदेश में जिन छात्रों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं और ऑनलाइन स्टडी से वंचित हैं, उन गांव में जाकर शिक्षक सोशल डिस्टेंसिंग में छात्रों की कुछ समय के लिए कक्षाएं भी लगा सकते हैं। फिलहाल ऑनलाइन स्टडी पर सर्वे करने के बाद यह दूसरी पहल शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही है।
गुरुवार को शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत सिंह ने सभी उपनिदेशकों के साथ विडियो कॉन्फ्रेसिंग कीं। इस दौरान अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती योजना के तहत स्कूलों में कितना फंड इकट्ठा हुआ है, विभाग ने इसकी तिमाही रिपोर्ट स्कूलों से मांगी है। बैठक में स्कूलों में इस्तेमाल न किए गए फंड पर भी चर्चा की गई। निदेशक ने बताया कि चंबा और लाहुल-स्पीति जिला ने स्कूल फंड का अपडेट नहीं दिया है। ऐसे में निदेशक ने दोनों जिला उपनिदेशकों से फंड की जानकारी मांगी है। इस दौरान स्वतंत्रता दिवस के लिए स्कूल के पुराने छात्र, जो इस समय देश-विदेश में नाम कमा चुके हैं, उनकी फोटो सहित पूरा ब्यौरा स्कूलों को एकत्रित करना होगा।
इसके अलावा स्कूल के पुराने छात्र जो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री व केंद्र में मंत्री रहे हैं या केंद्रीय अवार्डी हैं, उनकी स्कूल वर्दी में पुरानी फोटो स्कूल प्रशासन को इकट्ठी करने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त ऐसे स्कूल जिनकी पुरानी हेरिटेज बिल्ंदडीग है, उन स्कूलों को भी पुरानी फोटो एकत्रित करनी होगी। इस दौरान विभाग ने जिलों को हिमाचल से संबंध रखने वाली विभूतियों की लिस्ट भी जारी की है, जिनका ब्यौरा संबंधित स्कूलों को इकट्ठा करने को कहा गया है।इसमें राजनीतिज्ञ, खिलाड़ी, बॉलीवुड कलाकार, स्वतंत्रता सेनानी शामिल हैं। विभाग ने स्कूलों को पांच अगस्त तक ये सभी फोटो निदेशालय में भेजने को कहा है। इस दौरान निदेशक ने कोविड-19 को देखते हुए परिस्थितियों के मुताबिक जिला उपनिदेशकों को छात्रों को स्कूलों में दाखिला देने के लिए अधिकृत किया है, लेकिन इसके लिए उन्हें स्कूल शिक्षा बोर्ड के नियमों क ो भी ध्यान में रखना होगा।
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