Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

May 4, 2024

चुना खदानों की बदौलत हर साल तबाह हो रहे बान व देवदार के पेड़

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)

नागरिक उपमंडल संगड़ाह में बिना उचित जांच की व्यवस्था के करीब 782 बीघा भूमि में चल रही 5 लाइमस्टोन माइन से पर्यावरण, सड़कों व लोंगो की आजिविका पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से क्षेत्रवासियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। खदानों से निकलने वाले हजारों मिट्रिक टन मलवे से जहां संगड़ाह-रेणुकाजी-नाहन मार्ग बरसात मे बार-बार अवरुद्ध होता है, वहीं इससे साथ लगते जंगल मे देवदार व बान के कुछ पेड़ भी जड़ो से उखड़ चुके है अथवा दब चुके हैं। इस बरसात में खनन क्षेत्र से करीब 500 मीटर की दूरी पर बाढ़ से करीब आधा दर्जन देवदार के 50 से 60 फुट लंबे पेड़ जड़ों से उखड़ गए हैं, जो काफी समय से नाले में लावारिस पड़े हैं। इस प्रकार तबाह हुई वन संपदा से जहां एक और खनन व्यवसाई मौन धारण किए हुए हैं, वहीं पर वन विभाग भी इस बारे निष्क्रिय दिखाई दे रहा है। चूना खदान क्षेत्र मे देवदार व बान आदि हिमालयी प्रजातियों के हजारों पेड़ होने के बावजूद अधिक्तर हिस्से को राजस्व रिकार्ड मे नान-फोरेस्ट लेंड दिखाया गया है।

नरेंद्र सिंह, विक्रम सिंह व जोगेंद्र सिंह आदि स्थानीय लोगों ने खनन कार्य से बर्बाद हो रही वन संपदा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, क्षेत्र में चल रही चुना खदानों की बदौलत हर साल सैंकड़ो पेड़-पौधे तबाह हो रहे हैं, मगर विभाग व प्रशासन खामोश है। नागरिक उपमंडल संगड़ाह में करीब 782 भूमी को उद्योगपतियों को चूना पत्थर खनन के लिए लीज पर दे चुकी हिमाचल सरकार द्वारा यहां अवैध खनन रोकने के लिए एक माइनिंग गार्ड तक नियुक्त न किए जाने तथा ओवरलोडिंग रोकने के लिए वेट ब्रिज व माइनिंग चैक पोस्ट की व्यवस्था न करने को उन्होने खनन माफिया को खुली छूट करार दिया।

गौरतलब है कि, संगड़ाह से हर रोज क्षमता से दोगुना ओवरलोडिंग के साथ निकलने वाले चूना पत्थर ट्रकों की तस्वीरें पुलिस के सीसीटीवी कैमरों मे भी रिकार्ड होती है, मगर पुलिस अधिकारियों के अनुसार उपमंडल संगड़ाह मे वेट ब्रिज न होने से यहां ओवरलोडिंग के चालान नही किए जा सकते हैं। गत 8, दिसम्बर को क्षतिग्रस्त हो चुके दनोई स्टील ब्रिज पर 9 टन से भारी वाहन न निकालने संबधी बोर्ड अधिशासी अभियंता संगड़ाह द्वारा लगाया जा चुका है। कार्यवाहक वन परिक्षेत्र अधिकारी संगड़ाह वीरेंद्र सिंह ने बताया कि, माइनिंग एरिया के समीप कुछ पेड़ बरसात मे जड़ो से उखड़ गए थे, जिन्हे स्थानीय प्रशासन ने कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए रखवाया है। उन्होने कहा की, माइनिंग एरिया मे यदि कही और पेड़ों को नुक़सान हुआ, होगा तो दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

Read Previous

गिरिपार क्षेत्र के 2 छात्र बने इतिहास के प्रवक्ता

Read Next

नेहरू युवा केंद्र ने जंगला भूड़ में लोगों को पोषण के प्रति किया जागरुक

error: Content is protected !!