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April 18, 2024

आजीविका का साधन बने बुरास के जंगल , घंडूरी की महिलाओं ने पहले दिन बेचा ₹4,000 का रोडो जूस व जैम

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह )

जिला सिरमौर के विकास खंड संगड़ाह में सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर फैले रोडोडेंड्रोन के जंगल क्षेत्र की महिलाओं के आजीविका का साधन बन चुके हैं। बुधवार को घंडूरी पंचायत की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा समिति सभागार संगड़ाह के बाहर अपने रोडो प्रोजेक्ट्स की प्रदर्शनी लगाई गई। एसएचजी बीओ अध्यक्ष जमना देवी तथा सहसचिव सुरेंद्रा ने बताया कि, आज पहले दिन उनका करीब ₹4,000 का रोडो जूस तथा जैम बिका।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 15,17 व 19 मार्च को संगड़ाह के 30 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोडो अथवा बुरास से तैयार होने वाले जूस, जैम तथा चटनी आदि बनाने संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। फ्रूट एंड टेक्नोलॉजी संस्थान धौला-कुआं के लैब टेक्नीशियन जसपाल सिंह द्वारा बतौर मूल स्रोत व्यक्ति महिलाओं को बुरास के उत्पाद तैयार करने संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। गौरतलब है कि, गत माह पंचायत समिति अध्यक्ष संगड़ाह तथा मीडिया द्वारा क्षेत्र में सैकड़ों मिट्रिक टन औषधीय फूलों का इस्तेमाल न होने तथा इसे आजीविका से न जोड़ें जाने संबंधी खबर प्रकाशित की गई थी। पंचायत समिति संगड़ाह के अध्यक्ष मेलाराम शर्मा ने यहां रोडोडेंड्रोन तथा फलों संबंधी उद्योग लगाए जाने की मांग सरकार से की है।

खंड विकास अधिकारी संगड़ाह सुभाष चंद अत्री ने बताया कि, घंडूरी, भवाही तथा संगड़ाह में एसएचजी से जुड़ी महिलाओं को रोडो प्रोडक्ट संबंधी ट्रेनिंग करवाई थी तथा घंडूरी में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं द्वारा रोडो प्रोजेक्ट्स की बिक्री शुरू की जा चुकी है। गौरतलब है कि, बुरास के जूस को खून, पेट, हृदय रोग तथा त्वचा संबंधी बीमारियों की आयुर्वेदिक दवा समझा जाता है। बहरहाल संगड़ाह के 30 स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं जल्द रोडो प्रोडक्ट से कमाई कर आत्मनिर्भर बनेगी।

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