Breaking News :

लापता जागर सिंह का 13 दिन भी नहीं मिला कोई सुराग

खाई मे लुढ़की Van पेड़ मे फंसने से बची 3 लोगों की जान

वर्तमान सरकार ने लिखा जन कल्याण का नया अध्यायः जगत सिंह नेगी

सभी कर्मचारियों का डाटा डाईस पोर्टल पर अपलोड करना अनिर्वाय-एसडीएम

दावा करते हैं आय के संसाधन बढ़ाने के और महीनें में तीन-तीन बार क़र्ज़ ले रही है सरकार : जयराम ठाकुर

शिलाई : गहरी खाई में गिरी आल्टो कार, कोटि निवासी प्रताप सिंह की दर्दनाक मौत

चुनावी बॉन्ड पर विपक्षी दल परेशान : नंदा

माताओं-बहनों को सम्मान निधि से बाहर करने की निकाली जा रही हैं तरकीबें : जयराम ठाकुर

पुरानी गारंटियां, नया कैप्सूल : डॉ राजीव बिंदल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

मुख्यमंत्री परेशान, गलत केस बनाना दुर्भाग्यपूर्ण भाषा का प्रयोग बना आम : भाजपा

March 29, 2024

बुरास के जंगल बने सैंकड़ों महिलाओं के लिए रोजगार का साधन

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)

विकास खंड संगड़ाह में सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर फैले रोडोडेंड्रोन अथवा बुरास के जंगल क्षेत्र की सैंकड़ों महिलाओं के आजीविका का साधन बन चुके हैं। गत वर्ष ब्लॉक के 30 गांव की महिलाओं को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बुरास के जूस, जैम व स्क्वैश आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था तथा तब से उक्त महिलाएं रोडो प्रोजेक्ट्स तैयार कर रही है।

इस माह सीजन शुरू होने से महिलाओं ने फिर से प्रोजेक्शन व विक्री शुरु कर दी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गत वर्ष 15,17 व 19 मार्च को संगड़ाह के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोडो अथवा बुरास से तैयार होने वाले जूस, जैम तथा चटनी आदि बनाने संबंधी प्रशिक्षण फ्रूट एंड टेक्नोलॉजी संस्थान धौला-कुआं के विशेषज्ञ जसपाल सिंह द्वारा दिया गया था। कुछ महिलाएं अन्य महिलाओं को भी यह उत्पाद बनना सिखा रही है।

प्रदेश के राज्यपाल महामहिम विश्वनाथ आर्लेकर भी संगड़ाह की महिलाओं के रोडो जूस की सराहना कर चुके हैं तथा बीडीसी अध्यक्ष मेलाराम शर्मा द्वारा उन्हे गत 11 अगस्त को उक्त प्रोजेक्ट्स भेट किए गए थे। पंचायत समिति अध्यक्ष ने निकट भविष्य मे यहां रोडोडेंड्रोन तथा फलों संबंधी उद्योग लगाए जाने की मांग भी सरकार से की है। समिति द्वारा संगड़ाह मे महिलाओं को अपने उत्पाद बेचने के लिए निशुल्क दुकान भी उपलब्ध करवाई गई है।

गौरतलब है कि, बुरास के जूस को खून, पेट, हृदय रोग तथा त्वचा संबंधी बीमारियों की आयुर्वेदिक दवा समझा जाता है। बहरहाल संगड़ाह के 30 गांव की करीब 300 महिलाएं जल्द रोडो प्रोडक्ट से कमाई कर आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रही है।

Read Previous

आर्थिकी को मज़बूती प्रदान करने में वित्तीय संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका – आरके गौतम

Read Next

एसडीएम लेगे रोगी कल्याण समिति संगड़ाह की बैठक

error: Content is protected !!