यंहा एक युवक से पुलिस ने किया चरस बरामद और यंहा एक युवक ने लगाया फंदा
News portals-सबकी खबर (शिमला )
कोरोना काल के बीच हिमाचल में कोरोना की दूसरी लहर आने के कारण बड़े अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी ने स्वास्थ्य विभाग की इस चूक को जगजाहिर कर दिया है। हालांकि अरसे तक हिमाचल के डाक्टरों को बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। कुछ महीने पहले स्वास्थ्य विभाग ने सियासी गोटियां फिट करने के लिए एक के बाद एक 25 से ज्यादा स्पेशलिस्ट डाक्टरों को एम्स जाने की अनुमति दे दी।
इस समय करीब 200 संक्रमित मरीज अस्पतालों में उपचाराधीन है। इस पर ही स्वास्थ्य विभाग में हाहाकार मच गया है। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को बैठक में तलब कर व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के कड़े निर्देश दिए हैं। जयराम ठाकुर ने स्वास्थ्य विभाग को सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि कोरोना के मामलों में वृद्धि होने की स्थिति में संक्रमित लोगों को बेहतर उपचार सुविधा प्रदान की जा सके। उन्होंने कोरोना रोगियों के लिए बिस्तरों की वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए राज्य के निजी अस्पतालों से संपर्क करने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा कि इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है और प्रदेश में ऑक्सीजन सिलेंडर, वैक्सीन, पीपीई किट्स, फेस मास्क और हैंड सेनेटाइजर की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि नेरचौक चिकित्सा महाविद्यालय में कोविड रोगियों के लिए अतिरिक्त बिस्तर उपलब्ध करवाए जाएंगे और नाहन चिकित्सा महाविद्यालय में 28 नर्सों के नए बैच को तैनात करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमीरपुर और नाहन चिकित्सा महाविद्यालयों में भी वैकल्पिक बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में कोविड-19 के लिए टीकाकरण और जांच को अभियान मोड़ पर चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही होम आईसोलेशन में रह रहे कोविड रोगियों से संपर्क रखने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें अस्पतालों में चिकित्सा उपचार के लिए सलाह दी जा सके। उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्रों पर लोगों की स्क्रीनिंग पर विशेष बल दिया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर राजीव सहजल ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय कार्य योजना का सख्ती से क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्य सचिव अनिल खाची ने स्थिति से निपटने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए और राज्य सरकार द्वारा जमीनी स्तर तक उठाए जा रहे विभिन्न कदमों के बारे अवगत करवाया।